Rajnath Singh Siachen Visit: सियाचिन के दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, युद्ध स्मारक पर अर्पित की श्रद्धांजलि, जवानों से की बात, खिलाई मिठाई
Rajnath Singh Siachen Visit: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को सियाचिन के अपने दौरे पर पहुंचे गए हैं. वह दिल्ली से सोमवार की सुबह रवाना हुए और करीब 11 बजे सियाचिन पहुंचे. उन्होंने लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर के कुमार पोस्ट पर तैनात सशस्त्र बल के जवानों के साथ बातचीत की. इससे पहले रक्षा मंत्री ने सियाचिन बेस कैंप में युद्ध स्मारक पर बहादुरों को पुष्पांजलि अर्पित की.
राजनाथ सिंह ने सियाचिन में जवानों को संबोधित करते हुए कहा, “मेरे अनुसार दीपावली का पहला दीया, होली का पहला रंग भारत के रक्षकों के नाम होना चाहिए. हमारे सैनिकों के साथ होना चाहिए. पर्व-त्योहार पहले सियाचिन की चोटियों पर मनाए जाने चाहिए. राजस्थान के तपते रेगिस्तान में मनाए जाने चाहिए, हिन्द महासागर की गहराई में स्थित पनडुब्बी में जवानों के साथ मनाए जाने चाहिए.”
#WATCH | Ladakh: Defence Minister Rajnath Singh lays a wreath at the war memorial in Siachen base camp as he pays tribute to the Bravehearts. pic.twitter.com/VtN2SiTyJq
— ANI (@ANI) April 22, 2024
ऑपरेशन मेघ दूत को किया याद
उन्होंने कहा- साथियों यह एक सुखद संयोग है कि पिछली 13 अप्रैल को ऑपरेशन मेघ दूत के 40 साल पूरे हुए हैं. 13 अप्रैल 1984 के दिन भारतीय सेना ने एक ऐसा सैन्य अभियान चलाया था, जिसका उदाहरण आज पूरी दुनिया में दिया जाता है. यह ऐसा पल था जो बीते चार दशक से देश के लोगों को रोमांचित कर रहा है.
सूत्रों की मानें तो वह सोमवार की सुबह पहले लद्दाख के थोइस एयरबेस पहुंचे थे और फिर वहां से उन्होंने सेना के एक हेलीकॉप्टर के जरिए दुनिया सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र के लिए उड़ा भरी थी. दरअसल, पिछला हफ्ते ही सेना ने सियाचिन के ग्लेशियर पर अपनी उपस्थिति का 40वां साल मनाया था.
बता दें कि काराकोरम रेंज में लगभग 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थिति सियाचिन के ग्लेशियर को ही दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र के रूप में जाना जाता है. ऑपरेशन मेघ दूत में ही भारतीय सेना ने अप्रैल 1984 में पाकिस्तानी सेना को यहां से हटाकर सियाचिन ग्लेशियर पर अपना नियंत्रण स्थापित किया था.