Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटाला मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, पूर्व IAS अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर समेत अन्य की 205 करोड़ की संपत्ति की कुर्क
Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में ED ने बड़ी कार्रवाई की है. ED ने इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, रायपुर के महापौर के भाई अनवर ढेबर और कुछ अन्य लोगों की 205 करोड़ 49 लाख रुपए की संपत्ति कुर्क कर ली है.
ED ने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पोस्ट कर दी जानकारी
शराब घोटाला मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपियों की 205 करोड़ 49 लाख रुपए की संपत्ति को कुर्क किया है. ED ने कुल 18 चल और 161 अचल संपत्ति जब्त की है. इस मामले को लेकर ED ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पोस्ट कर जानकारी दी है. बता दें कि ईडी ने अनवर ढेबर के जेल रोड स्थित होटल वेलिंगटन कोर्ट और शंकर नगर स्थित परिसर को अपने कब्जे में लिया है.
ED, Raipur has provisionally attached 18 movable and 161 immovable properties worth Rs. 205.49 Crore (approx.) belonging to Anil Tuteja, Ex-IAS, Anwar Dhebar and others in the ongoing investigation of liquor scam in the State of Chhattisgarh. pic.twitter.com/wK378rPXTq
— ED (@dir_ed) May 3, 2024
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 के ठीक पहले यह कथित शराब घोटाला सामने आया था. जिसे लेकर ईडी ने दावा किया था कि यह घोटाला पूरे 2000 करोड़ रुपए का है. साथ ही इस घोटाले में छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेता और अफसरों के शामिल होने की भी बात की थी. वहीं इस मामले में मुख्य आरोपी अनवर ढेबर की गिरफ़्तारी भी की गई थी.
ईडी को मिले थे 2 हजार करोड़ रुपए की गड़बड़ी के सबूत
दरअसल ईडी ने दावा किया था कि मार्च महीने में एक साथ कई जगहों पर तलाशी ली थी. इस तलाशी में 2 हजार करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के सबूत मिले थे. जांच से पता चला कि अनवर ढेबर के नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था. अनवर ढेबर एक प्राइवेट कारोबारी है, लेकिन बड़े राजनेता और अधिकारियों के लिए काम कर रहा था. शराब से अवैध कमाई के लिए एक बड़ी साजिश रची और घोटाले को अंजाम देने के लिए व्यक्तियों/संस्थाओं का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया ताकि छत्तीसगढ़ राज्य में बेची जाने वाली शराब की प्रत्येक बोतल से अवैध रूप से पैसा जुटाया जा सके.