Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 600 करोड़ में बने रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क हो रहे कबाड़, महिलाएं हुईं बेरोजगार
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना की, इसके बाद जब सरकार बदली तो इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगे और सरकार ने जांच का आदेश दे दिया है, लेकिन आदेश दिए तीन माह हो गए अब तक जांच जमीनी स्तर पर शुरू नहीं हुआ है, तो ये पार्क बंद हैं. और यहां लगे करोड़ों के मशीन खराब हों रहें हैं, तो महिलाएं भी उन मशीनों का उपयोग नहीं कर पा रहीं हैं. वहीं सरकार बदलने के इसमें घोटाले का आरोप लगा है, तो जांच शुरू हो गई है.
सरकार ने जांच के लिए बनाई कमेटी पर नहीं हुई जांच
रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क यानि रीपा जहां आटा मशीन, तेल मिल, साबुन बनाने मशीन, पेंट बनाने मशीन सहित कई और यूनिट कांग्रेस सरकार में लगाए गए लेकिन जिस तरह से इसमें भ्रष्टाचार हुआ उसे लेकर करोड़ों के इस प्रोजेक्ट पर सरकार बदलने के बाद सवाल उठने लगे, सरकार ने इसकी जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बना दी और तीन माह बीत जाने के बाद अब तक सिर्फ जांच किन बिन्दुओ में होंगे उसे ही तय किया जा सका है, लेकिन अब तक किसी भी पार्क में जाकर जांच नहीं की गई है. इस बीच विस्तार न्यूज़ की टीम ने अंबिकापुर से लगे मेड्रा गांव पहुंचकर पार्क का जायजा लिया और यहां काम करने वाली महिलाओं से बात की. महिलाओ ने कहा कि जल्दी से योजना को फिर से शुरू किया जाये ताकि उन्हें रोजगार मिल सकें क्योंकि यहां रखे सामान ख़राब हो रहें हैं.
ये भी पढ़ें- शराब घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने अनवर ढेबर की जमानत याचिका की खारिज, मेडिकल ग्राउंड पर मांगी थी जमानत
मशीनों की खरीदी में हुआ भ्रष्टाचार
साफ है कि यह योजना बेहतर थी लेकिन इसके क्रियान्वयन में लापरवाही बरती गई. यहां महिलाओं के द्वारा मशीनो के माध्यम से जो उत्पाद तैयार किये गए, उन्हें सही मार्केट नहीं दिलाया जा सका और कागजों में भूपेश सरकार को अफसरों ने खुश कर रखा था. वहीं मशीनों की खरीदी और योजना में बड़े पैमाने पर सरकार को अंधेरे में रखकर भ्रष्टाचार किया गया. अब जांच के बाद भ्रष्टाचार में शामिल कई अफ़सर भी नप सकते हैं.
हर पार्क में 2-2 करोड़ रुपये हुए खर्च
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 300 रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क तैयार किया गया. हर पार्क में दो-दो करोड़ रुपये खर्च किया गया. प्रदेश के 146 विकासखंडों में संचालित 300 रीपा केंद्र जांच के दायरे में हैं. तेल मिल, साबुन यूनिट, मुर्रा मशीन सहित दूसरे यूनिट लगाए गए हैं, जो कबाड़ हों रहें हैं. सरगुजा जिले में रीपा के तहत 16 पार्क खोले गए थे. अब प्रदेश के सभी रीपा केंद्रों में ताला लगा है.
कब होगी रीपा में हुई गड़बड़ी की जांच?
अब देखने वाली बात होगी कि आखिर रीपा में हुए गड़बड़ी की जांच कब शुरू होता है और कब पूरा. इसके बाद रीपा को लेकर सरकार क्या निर्णय लेती है क्योंकि रीपा केंद्रों में प्रदेश की 6 हजार महिलाओं को रोजगार मिलना शुरू हुआ था. वहीं जिला पंचायत के सीईओ नूतन कंवर ने कहा कि सरकार रीपा में हुए काम की जांच करा रही है. सरकार का जो दिशा निर्देश मिलेगा उसके बाद काम शुरू होगा, जांच के लिए राज्य से टीम आई है.