MP News: बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या, चार्जिंग की व्यवस्था नहीं, नगर निगम की योजना भी फेल
MP News: इलेक्ट्रिक व्हीकल और ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या के बीच ऐसे वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन न होना शहरवासियों के ग्रीन एनर्जी के सपने में बाधा बन रहा है. नगर निगम ने कांग्रेस शासनकाल में शहर में चार्जिंग स्टेशन खोलने की योजना बनाई थी, लेकिन वह सरकार बदलते ही ठंडे बस्ते में चली गई. इतना ही नहीं, ई- रिक्शा को बढ़ावा देने के लिए इनके लिए अलग रूट निर्धारित करने पर भी योजना तैयार की गई थी. नगर निगम की यह योजना भी अब कागजों में दफन हो गई है. चार्जिंग स्टेशन के अभाव में इलेक्ट्रिक व्हीकल और ई-रिक्शा मालिकों को अपने घरों में ही वाहन चार्ज करने पड़ रहे हैं. फास्ट चार्जिंग के अभाव में चार्जिंग में लंबा समय लग रहा है.
दूसरी ओर, जिले में पेट्रोल पंप संचालित कर रहीं पेट्रोलियम कंपनियों ने भी अब तक अपने आउटलेट पर प्वाइंट नहीं खोले हैं. जिले में ई-व्हीकल की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है. शहर में दोपहिया वाहन सहित लोडिंग ई-रिक्शा व गुड्स वाहन दौड़ रहे हैं. वहीं बताया जा रहा है कि बिजली कंपनी ने ऐसे वाहनों के लिए ई-व्हीकल चार्जिंग (ई- रिक्शा, लोडिंग वाहन, व्यावसायिक उपयोग वाले) के लिए अलग मीटर कनेक्शन लेना अनिवार्य कर दिया है. साथ ही कमर्शियल शुल्क वसूला जाना है. यदि चार्जिंग सेंटर की सुविधा
नए पेट्रोल पंप खुले, चार्जिंग स्टेशन नहीं
पेट्रोल कंपनियों ने बीते एक साल में जिले में करीब आधा दर्जन से अधिक नए पेट्रोल पंप खोले हैं. इनमें शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्र में नए पंप खुले हैं. इनसे निवेश और क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार बढ़ा है, लेकिन वैकल्पिक ऊर्जा पर फोकस पिछड़ गया है. ईवी के चार्जिंग स्टेशन की संख्या अब तक शून्य है.
बढ़ रही ईंधन की खपत: भले ही बैटरी
बैटरी से चलने वाले वाहनों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन पेट्रोल और डीजल की खपत भी कम नहीं हुई है. जिले में प्रतिदिन करीब 50 हजार लीटर से अधिक पेट्रोल की खपत होती है. वहीं डीजल की खपत करीब 1 लाख लीटर के करीब मानी जा रही है. अभी ईंधन की खपत में इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है.