Chhattisgarh: कोरबा के दीपका में स्पेशल ब्लास्ट कंपनी का प्लांट, कहीं बेमेतरा से बारूद डंप करने के लिए तो नहीं बनवाया?
Chhattisgarh News: बेमेतरा में स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में बारूद के विस्फोट से 15 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, हालांकि प्रशासन एक की मौत की खबर की पुष्टि कर रहा है, और बाकी आठ को लापता बताकर अन्य लोगों की जानकारी अलग-अलग तरह से दे रहा है. इसी बीच उनकी एक प्लांट का कोरबा जिले के दीपका में पता चला है, जो स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खुली हुई है. जहां सिर्फ प्लांट है.
यहां बताया जाता है कि कभी-कभार बारूद सप्लाई करने के लिए कंपनी इस प्लांट का उपयोग करती है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि करने वाला कोई नहीं है, लेकिन फिलहाल इस कंपनी को लेकर भी एक बड़ी बात यह है कि यहां एक गार्ड के अलावा कोई नहीं है बाकी सारे लोग कहां है, और क्या कर रहे हैं इसकी जानकारी देने वाला भी कोई नहीं है. विस्तार न्यूज़ की टीम जब यहां पहुंची तब गार्ड राघव से बात हुई उन्होंने प्लांट के भीतर आने से विस्तार न्यूज़ को मना कर दिया और बाहर से ही वीडियो बनाने और बाकी बातचीत करने की बात कही. विस्तार न्यूज़ ने अपने कैमरे पर इस प्लांट की एक्सक्लूसिव फुटेज तैयार की है और बताया है कि यहां सिर्फ ट्रकों खड़ी हुई है और बाकी जो नजारा है एकदम शांत है.
भीतर क्या गतिविधियां होती है, लोगों को भी नहीं पता
दीपका में यह प्लांट क्यों खोला गया है एक बड़ा रहस्य है, क्योंकि लोगों को भी नहीं पता कि पिछले 5 से 10 साल से यहां क्या होता है। किसी ने यहां बारूद बनते तो नहीं देखा लेकिन यहां से बारुद की सप्लाई होती जरूर देखी गई है, हालांकि वे कमरे में आने से डरते हैं और बताते हैं कि यहां लगभग 10 डिसमिल में एक यार्ड है जिसे लोगों को यह कह कर खोल गया है कि यहां ट्रकों और बारूद के समान डंप होते हैं.
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बेमेतरा की आंच कोरबा तक नहीं पहुंचे इस बात की पूरी व्यवस्था
बेमेतरा में हुई उसे बड़ी घटना की आज कोरबा जिले के इस दीपका का प्लांट तक नहीं पहुंचे इस बात की पूरी व्यवस्था कर दी गई है. फिलहाल यहां सब कुछ बैंड जैसा है और कोई कुछ बताने वाला भी नहीं है ऐसे में समझा जा सकता है कि अब बारूद फैक्ट्री के मालिक ने अपने बचाव को लेकर लगभग तैयारी पूरी कर ली है और आने वाले समय में देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस और प्रशासन के हाथ दीपका के इस प्लांट तक पहुंचते हैं, या नहीं और इस बात की तस्वीर होती है या नहीं कि आखिर यहां कौन सी गतिविधियां संचालित हो रही है.