मणिशंकर अय्यर ने फिर बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें, पहले चीन को लेकर दिया ऐसा बयान, फिर मांगी माफी

मणिशंकर अय्यर ने अपने संक्षिप्त बयान में कहा, "फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब में चीनी आक्रमण से पहले गलती से कथित शब्द का इस्तेमाल करने के लिए मैं पूरी तरह से माफी मांगता हूं."
Mani Shankar Aiyar

मणिशंकर अय्यर (फोटो- सोशल मीडिया)

Mani Shankar Aiyar News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर विवादास्पद बयान देकर सियासी तापमान बढ़ा दिया है. उन्होंने मंगलवार को फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब में ‘नेहरूज फर्स्ट रिक्रूट्स’ पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में एक किस्सा सुनाते हुए कह दिया कि अक्टूबर 1962 में कथित तौर पर चीनियों ने भारत पर आक्रमण किया. हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद अय्यर ने ‘कथित’ शब्द का उपयोग करने के लिए माफी मांग ली है.

मणिशंकर अय्यर ने अपने संक्षिप्त बयान में कहा, “फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब में चीनी आक्रमण से पहले गलती से कथित शब्द का इस्तेमाल करने के लिए मैं पूरी तरह से माफी मांगता हूं.” उधर, कांग्रेस ने अय्यर के बयान से दूरी बना ली है. जयराम रमेश ने कहा, “मणिशंकर अय्यर ने बाद में “कथित आक्रमण” शब्द का गलत इस्तेमाल करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है. उनकी उम्र को देखते हुए छूट दी जानी चाहिए. 20 अक्टूबर 1962 को शुरू हुआ भारत पर चीनी आक्रमण वास्तविक था.”

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आगे कहा, “मई 2020 की शुरुआत में लद्दाख में चीनी घुसपैठ भी वास्तविक थी, जिसमें हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए और यथास्थिति बिगड़ गई.  हालांकि, निवर्तमान पीएम ने 19 जून 2020 को सार्वजनिक रूप से चीनियों को क्लीन चिट दे दी, जिससे हमारी बातचीत की स्थिति गंभीर रूप से कमजोर हो गई. देपसांग और डेमचोक सहित दो हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र भारतीय सैनिकों की पहुंच से बाहर है.”

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इससे पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान की इज्जत करनी चाहिए क्योंकि पड़ोसी मुल्क के पास एटम बम हैं. अय्यर ने कहा कि अगर हम उन्हें इज्जत नहीं देंगे तो वे भारत पर हमला करने की सोच सकते हैं.

भाजपा ने साधा निशाना

भाजपा नेता अमित मालवीय ने अय्यर की टिप्पणी पर कांग्रेस को घेरा है. उन्होंने कहा, “एफसीसी में नेहरू फर्स्ट रिक्रूट्स नामक पुस्तक के विमोचन के दौरान बोलते हुए मणिशंकर अय्यर 1962 में चीनी आक्रमण को ‘कथित’ बताते हैं. यह संशोधनवाद का एक बेशर्म प्रयास है.”

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