PM Modi Meditation: पीएम मोदी ने शुरू किया ध्यान, 45 घंटे तक नहीं खाएंगे अन्न, सुरक्षा में 2 हजार से ज्यादा जवान तैनात
PM Modi Meditation: लोकसभा चुनाव का शोर अब शांत हो गया है. सिर्फ आखिरी चरण में 1 जून को वोटिंग होनी है. लेकिन इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान लगाने कन्याकुमारी पहुंच गए हैं. कन्याकुमारी पहुंचते ही सबसे पहले वह समुद्र तट पर देवी कन्याकुमारी को समर्पित 108 शक्तिपीठों में से एक ऐतिहासिक श्री भगवती अम्मन मंदिर में गए और पूजा-अर्चना की. इसके बाद पीएम मोदी ने 45 घंटों की ध्यान साधना शुरू कर दी है. उनका ध्यान शाम 6:45 बजे शुरू हो गया है और इस दौरान उनका आहार केवल नारियल पानी, अंगूर का रस और जैसे अन्य तरल पदार्थ होंगे. अगले 45 घंटे तक वह ध्यान कक्ष से बाहर नहीं निकलेंगे और मौन रहेंगे.
भगवती अम्मन मंदिर में PM Modi ने की पूजा-अर्चना
पीएम मोदी(PM Modi) जब श्री भगवती अम्मन मंदिर पहुंचे तो पुजारियों ने उनका पूर्ण कुंभ सम्मान के साथ पारंपरिक रूप से स्वागत किया और भगवान की विशेष पूजा की गई. इस दौरान पीएम मोदी ने पारंपरिक वेष्टि(धोती) और अंगवस्त्रम पहने गर्भगृह की परिक्रमा की. इसके बाद मंदिर प्रशासन ने पीएम मोदी को देवी भगवती अम्मन का चित्र भेंट किया गया. इसके बाद पीएम मोदी एक विशेष नाव में सवार होकर विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर पहुंचे. इसके मद्देनजर कड़ी सुरक्षा के सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. बता दें कि इस दौरान BJP नेताओं को मोदी की अगवानी करने या उनके साथ जाने की अनुमति नहीं दी गई.
पर्यटकों और मछुआरों के लिए बंद रहेगा समुद्र तट
पीएम मोदी की सुरक्षा में भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक जहाजों को तटरेखा के करीब जल में चौबीसों घंटे गश्त के लिए तैनात किया गया है. साथ ही पुलिस के जवान भी कड़ी निगरानी रख रहे हैं. बता दें कि, देश के दक्षिणी छोर पर स्थित इस जिले में 2 हजार पुलिसकर्मियों के एक दल को तैनात किया गया है. सुरक्षा उपायों के चलते कन्याकुमारी के तट पर मछुआरों को भी तीन दिन तक मछली पकड़ने से रोक दिया गया है. गुरुवार से शनिवार तक समुद्र तट पर्यटकों के लिए बंद रहेगा और निजी नौकाओं को भी चलने की अनुमति नहीं होगी.
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श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक का किया गया निर्माण
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी तमिल कवि तिरुवल्लुवर की 133 फीट ऊंची प्रतिमा भी देखने जाएंगे. गौरतलब है कि, देश भर में भ्रमण करने के बाद स्वामी विवेकानंद ने समुद्र के बीच स्थित इसी चट्टान पर तीन दिन और रात तक ध्यान किया था. इस दौरान जब तक कि उन्हें ज्ञान प्राप्त नहीं हो गई, तब तक उन्होंने ध्यान किया था. यहीं पर उन्होंने विकसित भारत का स्वप्न देखा था. इसके बाद वर्ष 1970 में स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए रॉक मेमोरियल स्मारक का निर्माण किया गया. यह स्मारक हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.