MP: कथावाचक प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज के बीच विवाद, महामंडलेश्वर बोले- नहीं होनी चाहिए सनातन धर्म…’

Madhya Pradesh News: कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा के दौरान राधा रानी को लेकर एक बयान दिया था जिसे लेकर प्रेमानंद महाराज की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई.
Mahamandaleshwar Shaileshanand Maharaj

महामंडलेश्वर शैलेषानंद महाराज

Madhya Pradesh News: राधा रानी को लेकर दिए गए बयान से कथाकार प्रदीप मिश्रा (Pradeep Mishra) और प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के बीच वाकयुद्ध जारी है. अब इसमें मामले में महामंडलेश्वर की भी एंट्री हो गई है. महामंडलेश्वर ने इस पूरे विवाद को लेकर अपना बयान दिया है. इस दौरान उन्होंने अभी कहा है कि इस पूरे विवाद के बीच कहीं सनातन धर्म की कोई बदनामी नहीं होना चाहिए.

गौरतलब है कि सीहोर के कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा के दौरान राधा रानी को लेकर एक बयान दिया था जिसे लेकर प्रेमानंद महाराज की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई, इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के मथुरा में भी साधु संतों ने पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान पर आपत्ति दर्ज कराई. अब इस मामले में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर शैलेषानंद महाराज की एंट्री हो गई है.

ये भी पढ़ें- RSS प्रमुख से मुलाकात करेंगे CM योगी आदित्यनाथ, लोकसभा चुनाव के बाद गोरखपुर में संघ की अहम ट्रेनिंग

जारी विवाद के बीच महामंडलेश्वर ने क्या कहा?

कथाकार प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज के बीज जारी विवाद को लेकर महामंडलेश्वर का कहना है कि कथाकार प्रदीप मिश्रा ने शास्त्रों का अध्ययन कर अपनी ओर से तर्क श्रद्धालुओं के बीच रखा है. दूसरी तरफ परम पूजनीय प्रेमानंद महाराज ने भी अपने ज्ञान और शास्त्रों के अध्ययन के बाद अपना पक्ष रखा है. दोनों ही अपनी जगह सही है. कथाकार हमेशा सनातन धर्म के शास्त्रों के ज्ञान को जनता तक पहुंचाते हैं. उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे विवाद धर्म संसद में निपटने चाहिए. इसे लेकर सनातन धर्म की कोई बदनामी नहीं होने चाहिए.

किस वजह से शुरु हुआ विवाद?

पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक कथा के दौरान मंच से श्रद्धालुओं से पूछा कि राधा रानी कहां की रहने वाली थी? श्रद्धालुओं ने एक स्वर में कहा कि राधा रानी बरसाना की रहने वाली थी. इस पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि राधा रानी बरसाना नहीं बल्कि रावल गांव की रहने वाली थी. उन्होंने यह भी कहा कि राधा का नाम भगवान श्री कृष्ण की पत्नी में शामिल नहीं था. इसी बयान को लेकर मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश तक साधु-संतों और कथाकारों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है.

ज़रूर पढ़ें