Chhattisgarh: बलरामपुर प्रशासन के संरक्षण में महानदी में हो रहा रेत का अवैध खनन व भंडारण, माफियाओं पर नहीं हो रही कार्रवाई

Chhattisgarh News: बलरामपुर रामानुजगंज जिले के राजपुर इलाके में स्थित ग्राम पंचायत धंधापुर व परसवारकला में अवैध रेत घाट पिछले कई महीनो से बेधड़क चल रहे हैं, और यहां से हर रोज 200 ट्रैक्टर ट्रॉली रेत निकालकर अंबिकापुर सहित आसपास के इलाकों में बेचा जा रहा है.
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Chhattisgarh News: बलरामपुर रामानुजगंज जिले के राजपुर इलाके में स्थित ग्राम पंचायत धंधापुर व परसवारकला में अवैध रेत घाट पिछले कई महीनो से बेधड़क चल रहे हैं, और यहां से हर रोज 200 ट्रैक्टर ट्रॉली रेत निकालकर अंबिकापुर सहित आसपास के इलाकों में बेचा जा रहा है. वही रेत माफिया ने बरसात से पहले आसपास के गांवो में रेत का अवैध भंडारण भी कर लिया है, जिसे वे बारिश के दिनों में महंगे दामों में बेचेंगे. इसकी जानकारी राजपुर एसडीएम व उनके तमाम तमाम अधिकारी व कर्मचारियों को है साथ ही साथ जिला प्रशासन के अफ़सरों को भी, लेकिन अवैध रेत खनन व इसकी तस्करी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से लोग अब यह कहने से नहीं चूक रहे हैं कि रेत माफियाओं की अफसर के साथ तगड़ी सेटिंग है.

बरसात में महंगे दामों पर रेत बेंचेंगे माफिया

धंधापुर पंचायत के छिंदियाडांड, उडमाडांड व परसवारकला से होकर गुजरने वाली महान नदी कुल चार अवैध रेत घाट संचालित हैं. यहां से हर रोज रेत का अवैध खनन कर इन दिनों रेत उत्तर प्रदेश भी ट्रकों में लोड कर भेजा जा रहा है. इसके साथ ही स्थानीय माफिया ट्रैक्टर ट्राली व टीपर में बालू लोडकर उसे जंगल किनारे और अपने अड्डों में ले जाकर डंप कर रहे हैं. माफिया ने खुखरी, खोड़रो, रेवतपुर, खोखनिया के अलग-अलग क्षेत्र में रेत का अवैध भंडारण किया हुआ है. यहां सैकड़ो ट्रक रेत इसलिए रखा गया है ताकि बरसात के दिनों में उसे अधिक दाम पर बेचा जा सके. महानदी में रेत के अवैध खनन की वजह से नदी का जलस्तर भी कम होता जा रहा है, और नदी नाला के रूप में तब्दील हो गया है क्योंकि नियमों को ताक पर रखकर बेतरतीब तरीके से रेत का खनन किया जा रहा है. सुबह से लेकर देर शाम तक रेत माफिया अवैध खनन कर रहे हैं.

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वहीं दूसरी तरफ इन रेत घाटों को लीज में देने के लिए पंचायतों ने एक साल पहले से आवेदन कर रखा है लेकिन जिम्मेदार अफसर जानबूझकर उसे अटका कर रखे हुए हैं, जिसका फायदा माफिया को हो रहा है, तो नदी का अस्तित्व खतरे में आ गया है. दूसरी तरफ सरकार को भी हर महीने लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

प्रशासन नहीं कर रही कार्रवाई

अवैध रेत के खनन की जानकारी खनिज विभाग के प्रभारी अधिकारी इंद्रजीत वर्मन को ग्रामीणों के द्वारा दिया गया था और उन्होंने कार्रवाई का भरोसा दिया था, लेकिन उसके बाद न तो कोई जांच के लिये पहुंचा और न ही कोई कार्रवाई हुई.

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