NEET UG Paper Leak: पेपर लीक की घटनाओं को लेकर एक्शन में शिक्षा मंत्रालय, हाईलेवल कमेटी का किया गठन, 2 महीने में सौंपेगी रिपोर्ट
NEET UG Paper Leak: देश में अभी तक मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए होने वाली नीट परीक्षा में धांधली का आरोप लगा ही था कि एक और परीक्षा के रद्द हो गई. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(NTA) की ओर से आयोजित यूजीसी-नेट की परीक्षा(UGC-NET Exam Cancellation) को रद्द कर दिया गया. शिक्षा मंत्रालय की ओर से इस परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है. इन्हीं सब मामले को लेकर शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया किया है. ISRO के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन इस उच्च-स्तरीय समिति की अध्यक्षता करेंगे. वहीं इस समिति में डॉ. के. राधाकृष्ण समेत 7 लोग शामिल हैं.
NTA की संरचना और कार्यप्रणाली की जांच करेगी कमेटी
शिक्षा मंत्रालय विभाग ने की ओर से उच्च-स्तरीय समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(NTA) की संरचना और कार्यप्रणाली जैसे मामलों पर सिफारिशें करेगी. ISRO के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन के अलावा 5 सदस्य नियुक्त किए गए हैं. इसमें AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद के कुलपति प्रोफेसर बी जे राव, IIT मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर राममूर्ति के, पीपलस्ट्रॉन्ग के संस्थापक पंकज बंसल, IIT दिल्ली के स्टूडेंट अफेयर्स के डीन प्रोफेसर आदित्य मित्तल शामिल हैं. वहीं शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल को इस उच्च-स्तरीय समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है.
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दो महीने के भीतर मंत्रालय को सौंपेगी रिपोर्ट
समिति की ओर से परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करेगी और प्रणाली में सुधार करने के साथ-साथ किसी भी संभावित हादसों को रोकने के लिए उपाय बताएगी. साथ ही NTA की मानक संचालन प्रक्रियाओं यानी SoP/प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा करेगी और प्रत्येक स्तर पर पालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र के साथ-साथ इन प्रक्रियाओं-प्रोटोकॉल को मजबूत करने के लिए विचार करेगी. NTA की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन कर इसके सुधार के लिए जानकारी देगी. परीक्षाओं के लिए पेपर-सेटिंग संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच को और मजबूत करने के लिए सिफारिशें करेगी. इसके अलावा शिकायत निवारण प्रणाली की भी आकलन करेगी. समिति इस आदेश के जारी होने की तिथि से दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
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