‘दोनों ने मिलकर इतने संशोधन कर दिए कि…’, संविधान को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष पर बरसीं बसपा सुप्रीमो मायावती

BSP सुप्रीमो ने कहा, "सत्ता और विपक्ष की दोनों की अंदरूनी मिलीभगत है. दोनों जबरदस्ती संविधान बचाने का नाटक कर रहे हैं."

मायावती (फाइल फोटो)

Mayawati News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने संसद भवन में विपक्षी सांसदों द्वारा संविधान की कॉपी दिखाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहा है.

‘सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे…’

मायावती ने मंगलवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सत्तापक्ष और विपक्ष पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने संसद में विपक्ष द्वारा संविधान की कॉपी दिखाई जाने के मामले में कहा, “ये सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे लग रहे हैं और इन दोनों ने मिलकर इस संविधान को जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी संविधान बना दिया है.”

बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा, “सत्ता और विपक्ष की दोनों की अंदरूनी मिलीभगत है. दोनों जबरदस्ती संविधान बचाने का नाटक कर रहे हैं. अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ये भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जो कतई उचित नहीं है. इन दोनों ने अंदर-अंदर मिलकर संविधान में इतने संशोधन कर दिए कि अब ये समतामूलक, धर्म निरपेक्ष नहीं बल्कि पूंजीवादी, जातिवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया. ये दोनों आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और एससी, एसटी को संविधान का लाभ नहीं देना चाहते.”

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बता दें कि सोमवार (24 जून) को लोकसभा सत्र की शुरुआत से पहले ही विपक्षी इंडिया ब्लॉक के सांसद हाथों में संविधान की कॉपी लेकर प्रदर्शन करने उतरे थे. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार का संविधान पर आक्रमण हमारे लिए एक्सेप्टेबल नहीं है और ये हम किसी हाल में होने नहीं देंगे. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि इंडिया का मजबूत विपक्ष अपना दबाव जारी रखेगा, लोगों की आवाज उठाएगा और प्रधानमंत्री को बिना जवाबदेही बच कर निकलने नहीं देगा.

‘जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया…’, बोले पीएम

आपातकाल के 49 साल मंगलवार को पूरे हो गए हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने एक्स पर लिखा “जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया, वो आज भी उसी पार्टी में जीवित है जिसने इसे लगाया था. वे अपनी प्रतीकात्मकता के जरिए संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं लेकिन भारत के लोगों ने उनकी हरकतों को देख लिया है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार खारिज कर दिया है.”

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