MP News: ग्वालियर में खनन माफियाओं ने नियमों को तक पर रख किया खदानों में खनन, माइनिंग विभाग की रिपोर्ट भी सवालों के घेरे में

MP News: CM डॉ मोहन यादव की सख्ती के बाद शताब्दीपुरम की खुली गहरी खदानों को बंद करने का नोटिस बीते दिनों जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने खदान संचालकों को जारी किया था.
Now questions are being raised on the report of the Mineral Department in Gwalior.

ग्वालियर में अब खनिज विभाग की रिर्पोट पर सवाल उठने लगे हैं.

MP News: मध्य प्रदेश में खनन माफियायों का राजनीतिक रसूख प्रशासन पर इस कदर हावी है कि प्रदेश के ग्वालियर शहर में जिला प्रशासन और खनिज विभाग खनन माफियायों के आगे नतमस्तक नजर आ रहा है. ताजा मामला खनन क्षेत्र शताब्दी पुरम खदानों का है. जहां खनन माफियायों ने नियमों को तक पर रख खदानों में खनन करते हुए 300 मीटर तक के गहरे गड्ढे बना‌ दिए गए हैं लेकिन खनिज विभाग की रिपोर्ट में यह गड्ढे मात्र 100 मीटर ही दर्शाए गए हैं‌‌. जिससे पता चलता है कि खनन माफियाओं की पेठ कितनी मजबूत है.

खनिज अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप

ग्वालियर शहर के बिलौआ और शताब्दी पुरम माइनिंग ब्लॉक में अवैध रूप से खनन करने वाले खनन माफियायों को राजनीतिक संरक्षण होने के चलते उनके हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वह अपने फायदे के लिए खनिज विभाग की रिपोर्ट भी प्रभावित करने‌ में लगे हैं. जिसकी वजह से खनिज अधिकारी भी उनके मन मुताबिक अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. बता दें की शताब्दीपुरम और बिलौआ में अवैध रूप से खदानें संचालित किए जाने की तमाम सारी शिकायतें DM, CM से लेकर NGT तक की जा चुकी है लेकिन बावजूद इसके प्रभावी कार्रवाई अब तक नहीं हुई है.

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300 मीटर से ज्यादा गहरी माइनिंग को 100 मीटर बताया गया

वहीं CM डॉ मोहन यादव की सख्ती के बाद शताब्दीपुरम की खुली गहरी खदानों को बंद करने का नोटिस बीते दिनों जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने खदान संचालकों को जारी किया था. इन खदानों को बंद करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 300 मीटर से ज्यादा गहरी इन खदानों की माइनिंग विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में सिर्फ 100 मीटर ही बताया गया है. इस मामले में जिले के जिम्मेदार अफसर माइनिंग अधिकारी प्रदीप भूरिया मामले को टालते हुए नजर आ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जिला कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान का कहना है कि माइनिंग अधिकारी लगातार इस मामले में नोटिस दे रहे हैं जांच चल रही है कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल जिला प्रशासन की लचीली कार्रवाई को देखकर लगता नहीं है की इन खनन माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई हो पाएगी, क्योंकि प्रशासन का यह खेल माफियाओ के साथ दिखाई दे रहा है.

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