Parliament Session: राज्यसभा में केंद्र पर बरसे मल्लिकार्जुन खड़गे, RSS को बताया मनुवादी, सभापति ने जताई आपत्ति

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि शिक्षा प्रणाली पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के लोगों ने कब्जा कर लिया है.

केंद्र पर बरसे मल्लिकार्जुन खड़गे

Parliament Session: संसद में सोमवार को जोरदार हंगामा देखने को मिला. इंडिया ब्लॉक की ओर से उच्च सदन यानी राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा प्रणाली पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ (आरएसएस) के लोगों ने कब्जा कर लिया है. इतना ही नहीं खड़गे ने आरएसएस को मनुवादी भी करार दिया है.

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में मौजूदा शिक्षा व्यवस्था पर बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि देश की शिक्षा प्रणाली पर आरएसएस के लोगों ने कब्जा कर लिया है. खड़गे ने कहा, “यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, प्रोफेसर, एनसीईआरटी, सीबीएसई सबमें आरएसएस का कब्जा है और अच्छे विचार वालों के लिए वहां कोई जगह नहीं है.”

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उधर, सभापति जगदीप धनखड़ ने खड़गे के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा, “क्या किसी संस्था का सदस्य होना अपराध है? आपकी बात बिल्कुल गलत है. यह एक संस्था है, राष्ट्र का कार्य कर रही है, देश के लिए योगदान दे रहे हैं.”

खड़गे ने RSS को बताया मनुवादी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरएसएस पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा, “देश के लिए आरएसएस की विचारधारा खतरनाक है. ये मनुवादी हैं, स्त्रियों और दलितों को शिक्षा नहीं देना चाहते हैं.” खड़गे ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में अगर आरएसएस के लोगों को चुन-चुनकर डाला गया तो शिक्षा व्यवस्था और संविधान का उद्देश्य खत्म हो जाएगा.

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मल्लिकार्जुन खड़गे ने उच्च पद और यूनिवर्सिटी में पिछड़ों को मौका नहीं मिलने का दावा भी किया है. साथ ही उन्होंने अग्निवीर योजना को खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि अग्निवीर जैसी अनियोजित और तुगलकी योजना लाकर युवाओं का मनोबल तोड़ा गया है.

‘सब कुछ निजी क्षेत्रों को सौंप दिया गया तो…’

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “अगर देश में सब कुछ निजी क्षेत्रों को सौंप दिया गया तो दलित, आदिवासी, पिछड़े और वंचित वर्गों के बच्चे कहां पढ़ेंगे? देश में हर 15 मिनट में दलितों के खिलाफ एक अपराध होता है और हर दिन 6 दलित महिलाओं का बलात्कार होता है. देश में 21वीं सदी के भारत की एक सच्चाई ये भी है. ये सामाजिक न्याय का मुद्दा है, इस तरफ ध्यान देना जरूरी है.”

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