मोदी-पुतिन की मुलाकात पर जल-भुने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की! कहा- ये शांति प्रयासों को बड़ा झटका

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को मॉस्को में दुनिया के सबसे बड़े खूंखार अपराधी को गले लगाते देखना एक बड़ी निराशा और शांति प्रयासों के लिए एक विनाशकारी झटका है."
PM Modi in Russia

मोदी-पुतिन की मुलाकात पर जेलेंस्की का निशाना

PM Modi in Russia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को मॉस्को पहुंचे थे, जहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनका गले लगाकर स्वागत किया. देखते ही देखते पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के गले मिलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस पर विश्व के हर कोने से तरह-तरह के रिएक्शंस आ रहे हैं. इसी क्रम में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

क्या बोले जेलेंस्की?

साल 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है. एक ओर जहां भारत हर वैश्विक मंच से यूक्रेन के पक्ष में आवाज उठा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन को भारतवासियों के फायदे से दिक्कत हो रही है. दरअसल, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी की रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात को निराशाजनक और चिंताजनक बताया है.

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को मॉस्को में दुनिया के सबसे बड़े खूंखार अपराधी को गले लगाते देखना एक बड़ी निराशा और शांति प्रयासों के लिए एक विनाशकारी झटका है.” दरअसल, यूक्रेन का दावा है कि सोमवार को रूस ने कीव में बच्चों के अस्पताल पर हमला किया जिसमें 41 लोग मारे गए. ये सब उस समय हुआ जब पीएम मोदी रूस दौरे पर रवाना हो चुके थे. मालूम हो कि पिछले महीने इटली में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी.

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भारत ने कभी नहीं किया युद्ध का समर्थन

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग ने विश्व को दो भागों में बांट दिया है. लेकिन भारत ने कभी किसी एक देश का पक्ष नहीं लिया. पीएम मोदी शुरुआत से बातचीत के जरिए विवाद हल करने की बात कहते आए हैं. यहां तक की वो राष्ट्रपति पुतिन से भी कह चुके हैं कि युद्ध के मैदान पर कोई समाधान नहीं खोजा जा सकता है.

भारत के लिए जरूरी है रूस

संकट के समय अक्‍सर रूस ने भारत की सहायता की है. साल 1971 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने के कारण देश संकट से घिरा था, जिसमें बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की थी. इस युद्ध के दौरान रूस ने खुलकर भारत का समर्थन किया था और रक्षा सहायता भी मुहैया करवाई थी.

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