PM Modi और पुतिन की मुलाकात पर गदगद चीन ने पश्चिमी देशों को क्यों लपेटा?

PM Modi Russia visit: अमेरिका और पश्चिमी देशों की भी इन नेताओं की मुलाकात पर नजरें हैं. वहीं अब चीन ने पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात पर प्रतिक्रिया दी है.
modi putin meeting

पीएम मोदी व व्लादिमीर पुतिन

PM Modi Russia Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में शामिल हुए. इस दौरान रूसी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया. ये शिखर सम्मेलन 22 से 24 अक्टूबर को रूस में आयोजित किया जाएगा. पुतिन पीएम मोदी के रूस के दौरे को लेकर खासे उत्साहित नजर आए हैं और उन्होंने कल पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी. दूसरी तरफ, मोदी-पुतिन की मुलाकात पर यूक्रेन से लेकर चीन तक की प्रतिक्रियाएं आई हैं. पीएम मोदी के रूस दौरे के दौरान पुतिन के साथ गले मिलना यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को रास नहीं आया.

जेलेंस्की को पसंद नहीं आई मुलाकात

जेलेंस्की ने एक पोस्ट में कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को ऐसे दिन मॉस्को में दुनिया के सबसे बड़े खूंखार अपराधी को गले लगाते देखना एक बड़ी निराशा और शांति प्रयासों के लिए तगड़ा झटका है.” यूक्रेन का दावा है कि सोमवार को रूस ने कीव में बच्चों के अस्पताल पर हमला किया जिसमें 41 लोग मारे गए. इसके बाद ही जेलेंस्की ने पीएम मोदी से मुलाकात के बहाने पुतिन पर एक बार फिर निशाना साधा है.

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मोदी-पुतिन की मुलाकात पर चीन ने क्या कहा?

जब दुनिया के दो ताकतवर देशों के शीर्ष नेताओं की मुलाकात हो रही है तो अमेरिका और अन्य देशों की भी इस मुलाकात पर नजरें हैं. पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात पर अब चीन ने प्रतिक्रिया दी है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में कहा है कि अमेरिका और पश्चिमी देश भारत-रूस के बढ़ते संबंधों से चिंतित हैं.

इस लेख में आगे कहा गया है कि पश्चिमी देश भारत और रूस के गहरे होते संबंधों से चिंतित हैं. वहीं रूस और भारत के संबंधों को चीन खतरे के तौर पर नहीं देखता है. पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद मोदी ने तीसरी बार सत्ता में आने के बाद पहले विदेशी दौरे के लिए रूस को चुना है. इस लेख में यह भी कहा गया है कि पश्चिमी देश रूस, चीन और भारत के बीच कलह पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.

लेख में लॉन्ग जिंगचुन लिखते हैं कि यूक्रेन के साथ युद्ध के बीच अगर पश्चिमी देशों को यह लगता है कि भारत रूस के खिलाफ उनके साथ खड़ा है, तो उन्हें यह देखते हुए चिंता करनी चाहिए कि भारत की विदेश नीति अपने हितों की रक्षा करने के साथ बिना किसी की तरफ झुके संतुलन बनाए रखने की है.

पुतिन के साथ मोदी ने कई मुद्दों पर की चर्चा

पीएम मोदी ने मॉस्को में अपने दौरे के दूसरे दिन पुतिन के साथ बैठक के दौरान कहा कि भारत में चुनावों में हमें अभूतपूर्व जीत मिली. उसके बाद आपने जो शुभकामनाएं दीं, उसके लिए भी मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं. मार्च में आपने भी शानदार प्रदर्शन किया था. चुनाव में जीत के लिए मैं एक बार फिर आपको शुभकामनाएं देता हूं.”

रूसी राष्ट्रपति के सामने पीएम मोदी ने एक बार फिर आतंकवाद का मुद्दा उठाया. पीएम ने कहा कि पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है. आतंकवाद कितना भयानक होता है वह हम पिछले 40 वर्षों से सामना कर रहे हैं. इसलिए, जब मास्को में आतंकवादी घटनाएं हुईं, उसका दर्द कितना गहरा होगा इसकी मैं कल्पना कर सकता हूं. मैं सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं.

रूस-भारत मजबूत संबंधों को मोदी ने किया याद

भारत और रूस के साथ मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा,” पिछले 2.5 दशकों से मेरा रूस के साथ-साथ आपके के साथ भी संबंध रहा है. करीब 10 साल में हम 17 बार मिल चुके हैं. पिछले 25 वर्षों में हमारी लगभग 22 द्विपक्षीय बैठकें हुई हैं. यह हमारे संबंधों की गहराई को दर्शाता है.”

पीएम मोदी ने शांति बहाली का संकेत देते हुए कहा कि इसके लिए भारत हर तरह से सहयोग करने को तैयार है. पीएम मोदी ने कहा, “मैं आपको और विश्व समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है. कल मेरे मित्र (पुतिन) को शांति के बारे में बात करते हुए सुनकर मुझे आशा मिलती है. मैं अपने मीडिया मित्रों से कहना चाहूंगा – संभव है.” वहीं

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