IT Raid: राशन घोटाले में पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के 7 ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा, जानिए क्या है पूरा मामला
IT Raid: छत्तीसगढ़ में आज सुबह-सुबह आयकर विभाग की टीम ने रायपुर समेत कई जिलों में छापा मारा है. इससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है. इसमें सबसे बड़ा नाम छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का है. उनके रायपुर और अंबिकापुर स्थित बंगले में आईटी की टीम पहुंची है. बताया जा रहा है की अफसरों की संख्या 50 से अधिक है. उनकी साथ बड़ी संख्या में सुरक्षाबल भी मौजूद हैं.
50 अफसरों की बड़ी टीम ने पूर्व मंत्री के घर दी दबिश
आईटी टीम ने सुबह पांच बजे एक साथ सभी ठिकानों पर कार्रवाई शुरू कर दी. सबसे पहले अंबिकापुर के बौरीपारा स्थित अमरजीत भगत के निवास और दफ्तर पर छापा पड़ा. इसके साथ ही अमरजीत भगत के निजी सचिव एफ टोप्पो के घर भी लैपटॉप की जांच की गई है. वहीं अमरजीत भगत के बेहद करीबी और निजी सचिव राजेश वर्मा के राजपुर स्थित निवास में आईटी की रेड चल रही है. भगत के नजदीकी पुलिस इंस्पेक्टर रुपेश नारंग के पुलिस लाइन स्थित आवास के अलावा भगत के अंबिकापुर गाड़ाघाट में स्थित सीमेंट पाइप फैक्ट्री के दफ्तर में आईटी के अफसर जांच कर रहे हैं. वहां महेंद्र नामक भगत के करीबी से पूछताछ की जा रही है.
अमरजीत भगत के पैतृक गांव में भी रेड
बताया जा रहा है कि रायपुर के रहने वाले और भगत के करीबी व्यापारी हरपाल सिंह, इसके अलावा जिस एक शादी समारोह में पहुंचे थे, उनसे भी आईटी के अफसर पूछताछ कर रहे हैं. वे यहां सरगवा स्थित एक होटल में रुके थे. वहीं से आईटी के अफसर उन्हें अपने साथ ले गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार भगत के सूरजपुर जिले के पार्वतीपुर के पैतृक निवास में भी आईटी की टीम जांच में लगी है.
अमरजीत के करीबी पुलिस अफसर के घर छापा
कोतवाली थाना के पूर्व प्रभारी रहे रुपेश नारंग के घर छापे के पीछे वजह बताई जा रही है कि वे भगत के बेहद करीबी माने जाते हैं. नारंग पहले सीतापुर में पोस्टेड थे लेकिन अमरजीत भगत के पसंदीदा होने की वजह से उन्हें कोतवाली का जिम्मा दिया गया था. जब टीम ने नारंग के घर छापा डाला तो नारंग घर पर नहीं थे. बताया गया है कि जब आईटी की टीम नारंग के घर पहुंची, उसमें आईटी के डिप्टी कमीशनर भी साथ थे और उन्हें नारंग के घर में प्रवेश करने के लिए मशक्कत करना पड़ा.
रमन सिंह ने लगाया था राशन वितरण में घोटाले का आरोप
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व CM डॉ. रमन सिंह ने खाद्य मंत्री पर राशन घोटाले का आरोप लगाया था. इसके बाद जांच शुरू हुई तो राशन दुकानों से करोड़ों का चावल कम मिला था और उस चावल को हितग्राहियों को भी नहीं बांटा गया था. इस गड़बड़ी के बाद कांग्रेस सरकार में राशन दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दुकानदारों से घोटाला किए गए चावल के एवज में रुपये वसूल किया गया. लेकिन इस मामले में सरकार ने दोषी अफसरों पर कोई कार्यवाही नहीं की.