Chhattisgarh: सरगुजा में अधिक रेट में खाद बेचने का खुलासा, कृषि विभाग के अफसरों ने दुकान को नहीं किया सील, 6 घंटे तक करते रहे खानापूर्ति

Chhattisgarh News: सरगुजा जिले में खाद माफिया का बड़ा सिंडिकेट काम करता है यहां खाद कंपनियों से खाद के थोक व्यापारी खाद मंगाते हैं लेकिन मालगाड़ी में खाद के पहुंचने से पहले ही थोक व्यापारी माफियाओं से सेटिंग कर बैठे रहते हैं और खाद पहुंचते ही वे उन्हें रेलवे स्टेशन में भेज दे रहें हैं जहां से माफिया खाद को अपने गोदाम में ले जाते हैं.
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अधिकारी कर रहे खानापूर्ति

Chhattisgarh News: सरगुजा जिले में खाद की तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही है. खाद माफिया को कृषि विभाग के अधिकारियों का संरक्षण मिल रहा है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि गुरुवार को अंबिकापुर स्थित एक खाद दुकान में अधिक रेट पर खाद बेचने की शिकायत पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने छापा तो डाला लेकिन 6 घंटे तक सिर्फ कागजी कार्रवाई करते रहे और यह कहते रहे की दुकान को सील किया जाएगा, लेकिन शाम ढलते ही अधिकारी वहां से चलते बने और कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि गोदाम में मिले खाद का दुकानदार के पास कोई वैध बिल नहीं था और न ही निर्धारित गोदाम में खाद को रखा गया था.

जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहे कृषि विभाग के अफसर

सरगुजा जिले में खाद की कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भले ही कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किया है ताकि किसानों को सही रेट पर खाद मिल सके लेकिन किसान जब इसकी शिकायत कृषि विभाग के अधिकारियों से कर रहे हैं, तो कृषि विभाग के अधिकारी खाना पूर्ति करने के लिए संबंधित दुकानों में पहुंच रहे हैं और वहां पर दुकानदारों से तगड़ी सेटिंग कर ले रहे हैं. कार्रवाई के नाम पर सिर्फ पंचनामा बनाकर वापस लौट जा रहे हैं. कुछ ऐसा ही देखने को मिला अंबिकापुर से लगे डिगमा गांव के सरगुजा क़ृषि राय केंद्र नामक खाद दुकान में, जहां अधिक रेट पर खाद बेचने की शिकायत मिली, इसके बाद दोपहर 1:00 बजे के करीब डिप्टी डायरेक्टर कृषि पी एस दीवान और खाद निरीक्षक श्वेता पटेल के साथ तमाम कृषि विभाग के अधिकारी और तहसीलदार मौके पर पहुंचे, जहां पाया गया की खाद निर्धारित गोदाम में न रखकर अलग-अलग जगह पर रखा गया है. वहीं खाद का बिल भी नहीं है, दुकानदार ने चार महीने पुराने खाद का बिल दिखाया लेकिन उस बिल में खाद का बैच नंबर तक नहीं था.

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खाद दुकानदारों पर कोई कार्रवाई नहीं

शिकायत करने वाले किसान ने भी अधिक रेट पर खाद बेचने का बयान दिया. इसके बाद अधिकारी जानबूझकर गोदाम से बाहर अवैध तरीके से अलग-अलग कमरों में डंप किए गए खाद को मजदूरों के माध्यम से गोदाम में रखवाये ताकि खाद दुकान संचालक को बचाया जा सके. वहीं इस दौरान कृषि विभाग के उप संचालक पी एस दीवान यह कहते रहे कि इस गोदाम को सील किया जाएगा लेकिन शाम ढलने के बाद अधिकारी वहां से दुकान सील किए बिना ही वापस लौट गए वहीं उनसे पहले ही उर्वरक निरीक्षक श्वेता पटेल वहां से भाग ख़डी हुई।यही वजह है कि अंबिकापुर में खाद माफिया के हौसले बुलंद हैं.

सरगुजा में खाद माफिया का बड़ा सिंडिकेट कर रहा काम

सरगुजा जिले में खाद माफिया का बड़ा सिंडिकेट काम करता है यहां खाद कंपनियों से खाद के थोक व्यापारी खाद मंगाते हैं लेकिन मालगाड़ी में खाद के पहुंचने से पहले ही थोक व्यापारी माफियाओं से सेटिंग कर बैठे रहते हैं और खाद पहुंचते ही वे उन्हें रेलवे स्टेशन में भेज दे रहें हैं जहां से माफिया खाद को अपने गोदाम में ले जाते हैं और उसके बाद फिर मनमाने तरीके से बेच रहें हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब कार्रवाई करने के लिए पहुंचे तहसीलदार ने दुकान संचालक के पुत्र से खाद के बारे में पूछताछ की तो उसने बताया कि डीपीएम के फर्टिलाइजर थोक विक्रेता के कहने पर उन्होंने विश्रामपुर स्थित रेलवे के रेक से सीधे अपने गोदाम पर खाद लाया था, जबकि फुटकर विक्रेता सीधे रेक से खाद नहीं ला सकते हैं. ऐसे में डीपीएम के फर्टिलाइजर भी अब जांच के घेरे में आ चुका है. बताया जाता है कि डीपीएमके फर्टिलाइजर का गोदाम इतना छोटा है कि वहां उसके द्वारा खपत के हिसाब से जितना खाद हर साल मंगाया जा रहा है उतना का भंडारण वहां नहीं किया जा सकता लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों की मिलीभगत से रेक से ही खाद बेचने का खेल चल रहा है. इसमें कृषि विभाग के साथ खाद कंपनियों के अधिकारियों के भी मिली भगत है और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. वही थोक और फुटकर खाद विक्रेता जिस पॉस मशीन से खाद की बिक्री करना बताते हैं अगर उसे पॉस मशीन के माध्यम से खाद खरीदने वाले किसानों का बयान लेकर पूरे मामले की जांच की जाए तो और भी बड़ा खुलासा हो सकता है.

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