Budget 2024: भारत के ऐसे वित्त मंत्री जो अपने कार्यकाल में पेश नहीं कर सके बजट, ये रही थी वजह

Union Budget 2024: संसद में आज सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. इससे पहले देश के बजट से जुड़े कई दिलचस्प कहानियों का दौर भी शुरू हो चुका है.
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देश के ऐसे वित्त मंत्री जो पेश नहीं कर पाए बजट

Union Budget 2024: मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट आज पेश होने जा रहे है. जिस पर देश के जनता की निगाहे टिकी हुई है. संसद में आज सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. इससे पहले देश के बजट से जुड़े कई दिलचस्प कहानियों का दौर भी शुरू हो चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत के ऐसे वित्त मंत्रियों के बारे में, जो इस पद पर तो रहे, लेकिन एक बार भी बजट पेश नहीं कर पाए. इस लिस्ट में पहला नाम केसी नियोगी का है, जबकि दूसरा नाम एच एन बहुगुणा का है. लेकिन, आखिर ऐसा क्या हुआ की ये दोनों वित्त मंत्री रहते हुए भी बजट पेश नहीं कर पाए. आइए जानते हैं.

देश के वित्त मंत्री रहने के बावजूद अपने कार्यकाल में कोई बजट पेश नहीं कर सके. तो पहला नाम आता है पूर्व वित्त मंत्री क्षितिश चंद्र नियोगी (KC Niyogi) का, जो फाइनेंस मिनिस्टर के पद पर तो रहे, लेकिन देश का आम बजट पेश नहीं कर सके. दरअसल, वे महज 35 दिनों तक साल 1948 में वित्त मंत्री के पद पर रहे थे, उन्‍होंने आरके शणमुखम शेट्टी की जगह ये जिम्मेदारी संभाली थी, लेकिन उन्होंने 35 दिन बाद ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इस अवधि में उन्हें बजट पेश करने का मौका नहीं मिल सका.

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भारत के दूसरे वित्त मंत्री थे केसी नियोगी

भले ही बेहद कम समय के लिए केसी नियोगी ने वित्त मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं और वे आजाद भारत के दूसरे वित्त मंत्री थे. उनके वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद के बाद जॉन मथाई ने वित्त मंत्रालय का काम-काज संभाला और वे देश के तीसरे फाइनेंस मिनिस्टर बने थे. इसके बाद मथाई ने उस वित्त वर्ष का बजट भाषण संसद में पेश किया था.

इस लिस्ट में एक और नाम भी है शामिल

बजट पेश न कर पाने वाले वित्त मंत्रियों की लिस्ट में अगला नाम आता है हेमवती नंदन बहुगुणा का, जिन्होंने इस पद को संभाला लेकिन आम बजट पेश करने का मौका उन्हें भी नहीं मिल पाया. बहुगुणा के साथ भी केसी नियोगी जैसी ही स्थिति बनी, क्योंकि उनका कार्यकाल भी महज साढ़े पांच महीने का रहा. हेमवती नंदन बहुगुणा साल 1979 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार में वित्त मंत्री बने थे, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान भी बजट पेश नहीं हो सका.

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