MP News: रेप और लव जिहाद पीड़िता पर जज की अमर्यादित टिप्पणी, कोर्ट में अपमानित हुई पीड़िता ने मांगी इच्छा मृत्यु
MP News: न्यायपालिका में बैठे मजिस्ट्रेट का काम पीड़ितों को न्याय और आरोपियों को सजा देना है. लेकिन इंदौर में एक असिस्टेंट सेशन जज पर दुष्कर्म और लव जिहाद पीड़िता ने सुनवाई के दौरान नियम कायदों को ताक पर रखकर आरोपी को ओर से प्रति परीक्षण करने और अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की है. पीड़िता के साथ कोर्ट रूम में हुए अपमानजनक व्यवहार की जानकारी लगने के बाद दामिनी संगठन ने जज को सस्पेंड करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया है. खजराना इलाके की रहने वाली पीड़ित युवती से अशरफ खान नमक युवक ने अपना नाम आशु बताकर दोस्ती कर उसके साथ दुष्कर्म किया. उसके अश्लील फोटो वीडियो भी ले लिए. बाद में जब युवती को पता चला कि आशु मुस्लिम है तो उसने उससे दूरी बना ली. लेकिन इसके बावजूद अशरफ उसे पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बनाने लगा.
इसके बाद पीड़ित युवती ने अशरफ और उसके भाई बुरकान के खिलाफ दुष्कर्म और लव जिहाद की धाराओं में खजराना थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी. इस मामले में 25 जुलाई को एससीएसटी कोर्ट में जज देवेंद्र प्रसाद मिश्रा ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी अशरफ के वकील को प्रति परीक्षण करने से रोकते हुए कहा कि इसका प्रति परीक्षण मैं ही करूंगा.
उन्होंने कोर्ट का रूम का गेट खुलवाकर पीड़िता से सवाल तलब करना शुरू कर दिए. इस दौरान पीड़िता से ऐसे सवाल पूछे गए जिससे कोर्ट में हर कोई ठहाके लगाकर हंसने लगा. इससे पीड़िता इतनी अधिक विचलित हो गई कि उसे कुछ समझ ही नही आया. अपने लिए न्याय की मांग करते हुए पीड़िता ने राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखा है. साथ ही लिखा है यदि आप न्याय नहीं दिला सकते तो मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत दे.
दामिनी संगठन सड़क पर उतरा
देवी अहिल्या की नगरी इंदौर में दुष्कर्म और लव जिहाद पीड़ित युवती के साथ कोर्ट में हुई इस तरह की हरकत के विरोध में शहर की प्रबुद्ध महिलाए आगे आई हैं. दामिनी संगठन ने जज को निलंबित करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम संभायुक्त को ज्ञापन दिया है. साथ ही मांग की है कि महिला जजों के सामने ही इस तरह की सुनवाई होना चाहिए. देवी अहिल्या के शहर में पीड़िता के साथ ऐसा बर्ताव होने पर ही महिलाए न्यायाधीश के विरुद्ध आवाज उठा रही है.
महिला वकील भी जज के विरुद्ध
दामिनी संगठन के साथ बड़ी संख्या में महिला वकील पर भी सड़क पर उतरी हैं. इनका मानना है कि इस तरह की बाते सामने आने से न्याय पालिका का सम्मान खराब होता है. न्याय पाने के लिए ही महिला न्यायालय पहुंचती है, वहा से उसे न्याय की जगह अपमान मिले तो ऐसा नहीं होना चाहिए. मामले में सीएम से संज्ञान लेने की मांग की गई है.