Chhattisgarh: पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव का छलका दर्द, बोले- ढाई-ढाई साल के CM की बात नहीं होती तो फिर बनती कांग्रेस की सरकार

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कामकाज का आकलन करते हुए 10 में 5 नंबर देने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि विष्णुदेव है सौम्य और सरल व्यवहार के हैं और ऐसा ही व्यवहार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का भी था.
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पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कामकाज का आकलन करते हुए 10 में 5 नंबर देने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि विष्णुदेव है सौम्य और सरल व्यवहार के हैं और ऐसा ही व्यवहार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का भी था. सिंहदेव से जब पूछा गया कि आखिर कांग्रेस सरकार के दौरान अधिकारियों का जो व्यवहार था और वर्तमान सरकार के अधिकारियों का जो व्यवहार है उसमें किस समय के अधिकारियों का व्यवहार आपके साथ अच्छा था, उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि जिले की अधिकारियों का व्यवहार मुझसे ठीक नहीं था. वरना बाकी अधिकारियों का व्यवहार ठीक था, 95% अधिकारी मान सम्मान और इज्जत करते थे.

ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री की बात नहीं हुई होती तो फिर बनती कांग्रेस सरकार – टीएस सिंहदेव

दूसरी तरफ उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हर पर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि अगर ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री को लेकर बात शुरू नहीं हुई होती तो शायद छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से कांग्रेस की सरकार बन गई होती, वहीं उन्होंने 5 साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री का दावेदार होने के सवाल पर मुस्कुराते हुए कहा है कि यह तो आने वाला वक्त बताएगा.

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स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत

विस्तार न्यूज़ से चर्चा करते हुए सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जहां सरल और सौम्य व्यवहार के हैं वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में कई तरह की समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं और स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कहा है कि कांग्रेस भी चुनाव में जुट गई है. कांग्रेस में पार्षदों की उम्मीदवारों का चयन गोपनीय वोटिंग के माध्यम से किया जाएगा. सभी वार्डों में कांग्रेस के कार्यकर्ता गोपनीय तरीके से दावेदारों को अपना वोट करेंगे और जिसे अधिक वोट मिलेगा कांग्रेस उसे अपना समर्थित उम्मीदवार के रूप में घोषित करेगी. इससे पार्षद उम्मीदवारी को लेकर विवाद की स्थिति नहीं बनेगी.

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