Chhattisgarh: राहुल गांधी के दौरे से ध्वस्त हुआ मैदान, 4 महीने से SDRF के जवान परेशान
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर SDRF प्रशिक्षण केंद्र में चार महीने पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की जनसभा का आयोजन हुआ था. भरनी के परसदा में आयोजित इस कार्यक्रम में भारी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता के साथ स्थानीय जनता पहुंची थी. इसके चलते प्रशासन द्वारा राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर इस मैदान में लगे खंभे उखड़वाए गए थे और जगह-जगह मिट्टी, मुरम और गड्ढे कर दिए गए थे. राहुल के इस कार्यक्रम के बाद प्रशासन ने व्यवस्था नहीं सुधरवाई और स्थिति ऐसी है कि पिछले 4 महीने से SDRF के जवान इस मैदान में ठीक तरह से प्रशिक्षण नहीं कर पा रहे हैं.
जवान ट्रेनिंग से दूर, हो रही परेशानी
कार्यक्रम स्थल पर आपातकालीन व्यवस्थाएं जैसे आगजनी या दूसरी इमरजेंसी घटनाओं की ट्रेनिंग ठीक तरह से नहीं हो पा रही हैं. ऐसे में जवानों को परेशानी हो रही है. इसके अलावा ग्राउंड में रखे गए मिट्टी मुरम, खंदक के चलते जवानों को मैदान से आने-जाने में समस्या हो रही है. इस मामले में एसडीआरएफ के संचालक एसके ठाकुर ने कलेक्टर से पत्राचार किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि 25 सितंबर को राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब यहां पहुंचे तब उनके लिए कई तरह की व्यवस्थाएं कीं गई. लेकिन इस व्यवस्था बनाने में उनका भारी नुकसान हो गया. इससे यहां लाखों रुपए की क्षति हो गई है. इसलिए प्रशासन यहां हुई क्षति को सुधार करे.
हालांकि, अभी तक प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है और संचालक ने यह मान लिया है कि आगे भी कोई इसकी सुध नहीं लेगा. कलेक्टर को लिखी चिट्ठी में एसडीआरएफ के संचालक एसके ठाकुर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इसकी जवाबदेही तय करते हुए बिजली विभाग, पीएचई विभाग समेत लोक निर्माण विभाग को दोबारा मैदान को व्यवस्थित करने की बात की जाए, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है.
जब SDM तक पहुंची बात
अब इस मामले में बिलासपुर के एसडीएम का कहना है कि फिलहाल उन्हें एसडीआरएफ के संचालक की लिखी गई उस चिट्ठी की जानकारी नहीं है. वह पत्र को ढूंढ कर निकलवाने और एसडीआरएफ के मैदान में क्या संभव प्रयास हो सकते हैं, उसमें सुधार की बात कह रहे हैं. जबकी एसडीआरएफ संचालक एसके ठाकुर ने गंभीर आरोप लगाया है कि यहां कार्यक्रम के बाद उपजी समस्याओं की बिंदुवार जानकारी प्रशासन को दे दी गई है लेकिन अभी तक सुधार नहीं हुआ है.