Indian Coast Guard: भारतीय तटरक्षक के जवानों ने पोर्ट ब्लेयर में चलाया ऑपरेशन, फिलीपींस के शख्स को पहुंचाई मदद

Indian Coast Guard: जिस जहाज से घायल चालक दल के सदस्य को निकाला गया है वह हल्दिया से इंडोनेशिया जा रहा था. जहाज के मास्टर ने 08 अगस्त 24 को शाम 4 बजे के करीब जहाज पर मेडिकल इमरजेंसी के संबंध में मदद की मांग की थी.
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मेडिकल सहायता पहुंचाते हुए भारतीय तट रक्षक की टीम

Indian Coast Guard: भारतीय तटरक्षक (ICG) टीम ने आज शुक्रवार, (9 अगस्त 2024) की सुबह एक मेडिकल इवैक्यूएशन ऑपरेशन चलाया. जिसमें जहाज ने मार्शल द्वीप से 39 वर्षीय फिलीपींस चालक दल (मिस्टर डी लॉस रेयेस) को पोर्ट ब्लेयर से ध्वजांकित जहाज ओलंपिया जीआर से निकाला. बता दें कि इंजन कक्ष में काम करने के दौरान जब जहाज पूर्वी द्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उत्तर-पश्चिम में 130 एन मील की दूरी पर था, उस समय मरीज के बाएं हाथ का अंगूठा गंभीर रूप से चोटिल हो गया था .

बता दें कि जिस जहाज से घायल चालक दल के सदस्य को निकाला गया है वह हल्दिया से इंडोनेशिया जा रहा था. जहाज के मास्टर ने 08 अगस्त 24 को शाम 4 बजे के करीब जहाज पर मेडिकल इमरजेंसी के संबंध में समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) पोर्ट ब्लेयर से संपर्क किया था और आईसीजी से सहायता मांगी थी.

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सूचना पर एक्शन में आया MRCC

सूचना मिलने पर एमआरसीसी पोर्ट ब्लेयर तुरंत एक्शन में आया और जहाज को पोर्ट ब्लेयर की ओर जाने की सलाह दी. इस बीच समुद्री बचाव समन्वय केंद्र यानी की  (MRCC) ने पोर्ट ब्लेयर में जहाज और हेलीकॉप्टर सहित भारतीय तट रक्षक के सर्च और रेस्क्यू यूनिट को मेडेवैक के लिए स्टैंडबाय पप रहने के लिए अलर्ट जारी कर दिया था. एमआरसीसी पोर्ट ब्लेयर ने MEDEVAC व्यवस्था के लिए पोर्ट ब्लेयर में जहाज के स्थानीय एजेंट यानी जीएसी शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ भी कोऑर्डिनेट किया.  इसके बाद, भारतीय तट रक्षक की जहाज C-428 को MEDEVAC के लिए पोर्ट ब्लेयर से तैनात किया गया.

मरीज को जीबी पंत अस्पताल में किया गया भर्ती

भारतीय तटरक्षक के अधिकारियों के मुताबिक, शुक्रवार की सुबह 08:35 बजे, आईसीजी जहाज ने मरीज को पोर्ट ब्लेयर के एमवी ओलंपिया जीआर से निकाला और 10: 10 बजे पोर्ट ब्लेयर लाया गया. इसके बाद, मरीज को जीबी पंत अस्पताल, पोर्ट ब्लेयर में अस्पताल में भर्ती करने के लिए स्थानीय एजेंट जीएसी शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया गया.

समय पर मेडिकल इवैक्यूवेशन समुद्र में संकट में नाविकों की सहायता के प्रति भारतीय तटरक्षक की टीम ने अपने प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है, , जो इसके आदर्श वाक्य ‘वयं रक्षामः’, जिसका अर्थ है ‘हम रक्षा करते हैं’ के अनुरूप है.

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