वायनाड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का PM मोदी ने की हवाई सर्वेक्षण, राज्यपाल और CM के साथ करेंगे बैठक
PM Modi In Wayanad: केरल के वायनाड में कुछ दिन पहले भूस्खलन के कारण 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई. इस दुर्घटना में 150 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं. हालात का जायज लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शनिवार को केरल के दौरे पर हैं. पीएम मोदी वायनाड पहुंच चुके हैं. पीएम मोदी के साथ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी भी मौजूद हैं.
पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से वायनाड के लिए रवाना हुए. पीएम मोदी ने कल्पेट्टा में भूस्खलन से तबाह हुए चार गांवों का हवाई निरीक्षण किया. इसके बाद कुछ राहत शिवरों और अस्पतालों में भर्ती मरीजों से भी मिलेंगे. पीएम मोदी एक समीक्षा बैठक भी करेंगे और इसमें मुख्यमंत्री, राज्यपाल के अलावा राज्य के बड़े अधिकारी भी हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी समीक्षा बैठक के बाद नई दिल्ली वापस आ जाएंगे.
ये भी पढ़ें- Bangladesh Violence: बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को घेरा, इस्तीफा देने को मजबूर हुए चीफ जस्टिस
वायनाड में तैनात हैं 1200 कर्मचारी
बता दें कि केंद्र सरकार ने भी राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए एक समिति का गठन किया है. यह समिति पिछले दो दिनों से वायनाड में है और शनिवार को अपना दौरा पूरा करेगा. इसके बाद हुए नुकसान पर अपनी रिपोर्ट देगा. प्रधानमंत्री के दौरे से पहले ही बचाव और राहत अभियान के लिए 1200 से अधिक बचावकर्मियों को वायनाड में तैनात किया गया था. एनडीआरएफ, सेना, वायु सेना, नौसेना, फायर ब्रिगेड और नागरिक सुरक्षा के 1200 से अधिक बचावकर्मी वायनाड में तैनात हैं.
केरल | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा स्थल का दौरा करने से पहले वायनाड में हवाई सर्वेक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण में उन्होंने भूस्खलन की उत्पत्ति देखी, जो इरुवाझिंजी पुझा (नदी) के उद्गम स्थल पर है। उन्होंने पुंचिरिमट्टम, मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का… pic.twitter.com/QHtuflul4A
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 10, 2024
सेना ने 190 फीट लंबा ब्रिज का किया निर्माण
वहीं चिकित्सा सहायता के लिए डॉक्टर और कर्मचारियों के साथ 100 अधिक एंबुलेंस की भी तैनाती की गई है. बता दें कि कुछ दिन पहले भारतीय सेना ने वायनाड में 190 फीट लंबा बेली ब्रिज का निर्माण किया. यह ब्रिज भारी मशीनरी और एंबुलेंस की आवाजाही के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है. इस पुल का निर्माण सेना ने 71 घंटे में पूरा कर लिया. इस पुल के बनने के कारण 200 से अधिक लोग बचाए गए.