MP News: सितंबर में इंदौर आएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में होंगी शामिल

MP News: डीएवीवी इस साल अपने दीक्षांत समारोह को विशेष बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए दीक्षांत समारोह सितंबर के तीसरे सप्ताह में आयोजित होगा.
Draupadi will attend the convocation ceremony of Murmu Devi Ahilya University.

द्रौपदी मुर्मू देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी.

MP News: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी. इस आयोजन से न केवल विश्वविद्यालय बल्कि इंदौर शहर को भी गर्व का अनुभव होगा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सितंबर के अंत में इंदौर का दौरा करेंगी. राष्ट्रपति ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है. यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के हीरक जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी.

पूर्व में भी शामिल हो चुके हैं राष्ट्रपति

डीएवीवी इस साल अपने दीक्षांत समारोह को विशेष बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए दीक्षांत समारोह सितंबर के तीसरे सप्ताह में आयोजित होगा. डीएवीवी ने इस अवसर के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रण भेजा था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है. इससे पहले भी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी विश्वविद्यालय के आयोजनों में शामिल हो चुके हैं, जिससे यह समारोह और भी खास बन जाता है.

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विश्वविद्यालय ने दीक्षांत समारोह के आयोजन के लिए 18, 19, या 20 सितंबर की तिथियों का प्रस्ताव रखा है. राष्ट्रपति कार्यालय से इंदौर दौरे के लिए सहमति तो प्राप्त हो चुकी है, लेकिन आयोजन की अंतिम तिथि पर राष्ट्रपति कार्यालय की मुहर लगना बाकी है.

छात्रों को मिलेंगे स्वर्ण और रजत पदक

डीएवीवी की कुलपति, डॉक्टर रेणु जैन ने जानकारी दी कि इस दीक्षांत समारोह में 116 स्वर्ण और रजत पदक छात्रों को प्रदान किए जाएंगे. इसके साथ ही, पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को भी उपाधि से सम्मानित किया जाएगा. विश्वविद्यालय प्रबंधन पहले भी दीक्षांत समारोह के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित करना चाहता था, लेकिन उनकी व्यस्तता के कारण यह संभव नहीं हो पाया था. अब, हीरक जयंती वर्ष में आयोजित हो रहे इस समारोह के लिए राष्ट्रपति की उपस्थिति से समारोह की गरिमा और बढ़ेगी.

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