‘शिवलिंग पर बैठा बिच्छू’ बयान को लेकर शशि थरूर को दिल्ली HC से लगा झटका, पीएम मोदी से की थी तुलना
Delhi High Court: पीएम मोदी के खिलाफ कथित ‘बिच्छू’ टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ दायर एक मानहानि के मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. इसी के साथ कांग्रेस नेता को बड़ा झटका भी लगा है. दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर की 2018 में की गई ‘शिवलिंग पर बैठा बिच्छू’ टिप्पणी ने न केवल पीएम मोदी को बदनाम किया, बल्कि भाजपा -RSS और पार्टी के सदस्यों को भी बदनाम किया है.
जस्टिस अनूप कुमार ने क्या कहा?
जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा कि यह टिप्पणी इस बात का उदाहरण है कि पीएम मोदी-RSS में कई लोगों को अस्वीकार्य हैं और उन्होंने अपनी हताशा की अभिव्यक्ति की तुलना एक ऐसे नेता से निपटने से की, जिसमें विषैली प्रवृत्ति वाले बिच्छू के लक्षण हैं. जस्टिस ने कहा, “एक राजनीतिक दल के विधायी प्रमुख और भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप पार्टी, पदाधिकारियों और संबंधित पार्टी के सदस्यों की छवि पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं और यह व्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है.”
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मामला खारिज करने से हाई कोर्ट का इनकार
अदालत ने 2018 में थरूर के खिलाफ भाजपा नेता राजीव बब्बर की मानहानि के मुकदमे को खारिज करने से इनकार करते हुए ये टिप्पणियां कीं. अदालत ने दोनों पार्टियों को ट्रायल कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. अक्टूबर 2018 में थरूर ने दावा किया था कि एक अनाम आरएसएस नेता ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की तुलना “शिवलिंग पर बैठे बिच्छू” से की थी. बब्बर ने दावा किया था कि थरूर की टिप्पणियों से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.अदालत ने कहा कि थरूर के बयान को इस नजरिए से देखा जाना चाहिए कि एक सामान्य व्यक्ति क्या पढ़ेगा और क्या समझेगा और पंक्तियों के बीच क्या वास्तविक संदेश दिया जा रहा है.
थरूर को ट्रायल कोर्ट ने मामले में जमानत दे दी थी. शिकायतकर्ता ने कहा था, “मैं भगवान शिव का भक्त हूं… हालांकि, आरोपी (थरूर) ने करोड़ों शिव भक्तों की भावनाओं की पूरी तरह से अवहेलना की, और ऐसा बयान दिया जिससे भारत और देश के बाहर सभी भगवान शिव भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची.”
शिकायत में दावा किया गया था कि शिकायतकर्ता की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है और आरोपी ने जानबूझकर यह दुर्भावनापूर्ण कार्य किया, जिसका उद्देश्य भगवान शिव भक्तों की धार्मिक आस्था का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना था.” भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए दंड) के तहत शिकायत दर्ज की गई थी.