Paralympics 2024: भारत की पैरालिंपिक में शानदार शुरुआत, गोल्ड समेत अब तक जीते 4 मेडल
Paralympics 2024: भारतीय पैरालंपिक दल ने पेरिस में शानदार शुरुआत की है. पेरिस में अब तक भारत ने चार मेडल जीते हैं, जिसमें एक गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज शामिल हैं. इस बार पैरालंपिक में भारत ने अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा है, जिसमें 12 खेलों में 84 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं. यह संख्या 2021 में टोक्यो पैरालंपिक में भाग लेने वाले 54 एथलीटों की तुलना में काफी अधिक है.
निशानेबाजी में ऐतिहासिक उपलब्धि
भारतीय निशानेबाज अवनी लेखरा और मोना अग्रवाल ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) स्पर्धा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल जीता, जो कि उनके करियर की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है. अवनी, जो पहले भी पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं, ने एक बार फिर साबित किया कि वह दुनिया की शीर्ष निशानेबाजों में से एक हैं. उनके साथ मोना अग्रवाल ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता. यह मोना का पैरालंपिक खेलों में पहला पदक है. पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में मनीष नरवाल ने सिल्वर मेडल जीता. मनीष पहले भी पैरालंपिक में सफलता हासिल कर चुके हैं, और इस बार भी सिल्वर मेडल जीत कर अंक तालिका में भारत की जगह मजबूत की है.
एथलेटिक्स में प्रीति पाल का शानदार प्रदर्शन
महिलाओं की 100 मीटर – टी 35 स्पर्धा में प्रीति पाल ने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. प्रीति ने 14.21 सेकंड में यह दौड़ पूरी की, जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ समय है. प्रीति की इस जीत ने भारत को पैरालंपिक में एक और मेडल दिलाया.
अंक तालिका में भारत का स्थान
अब तक के प्रदर्शन के आधार पर भारत चार मेडल के साथ अंक तालिका में 10वें स्थान पर है. हालांकि, यह शुरुआत है और भारतीय एथलीटों के पास अब भी कई स्पर्धाओं में हिस्सा लेने का मौका है. अंक तालिका में पहले स्थान पर चीन है, जिसने 11 मेडल जीतकर अपनी बढ़त बनाई हुई है. ऑस्ट्रेलिया छह मेडल के साथ दूसरे स्थान पर है जबकि ग्रेट ब्रिटेन सात मेडल के साथ तीसरे स्थान पर है. इटली नौ मेडल के साथ चौथे स्थान पर है और ब्राजील छह मेडल के साथ टॉप फाइव में शामिल है.
टोक्यो पैरालिंपिक का रिकॉर्ड तोड़ने की उम्मीद
भारतीय दल का लक्ष्य इस बार अपने पिछले टोक्यो पैरालंपिक के रिकॉर्ड को तोड़ना है, जहां भारत ने 19 मेडल जीते थे. इस बार टीम में अधिक एथलीटों की भागीदारी और बेहतर तैयारियों के साथ, भारत के पास इस लक्ष्य को हासिल करने का सुनहरा मौका है. एथलीटों का अब तक का प्रदर्शन इस दिशा में सकारात्मक रहा है. प्रीति पाल, अवनी लेखरा, मनीष नरवाल और मोना अग्रवाल जैसे खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से इस लक्ष्य को और अधिक संभव बना दिया है.
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