Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अमेरिका के अपने अध्ययन प्रवास के दौरान गुरुवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय का भ्रमण किया. उन्होंने वहां संयुक्त राष्ट्र संघ के सामान्य सभा कक्ष, सुरक्षा समिति कक्ष इत्यादि जगहों का भ्रमण कर संघ की कार्यप्रणाली को समझा.
हसीना ने आगे कहा, "राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्म-सम्मान प्राप्त किया, आत्म-पहचान प्राप्त की और एक स्वतंत्र देश पाया, उनका घोर अपमान किया गया है.
सेंट मार्टिन द्वीप 1971 में देश के अस्तित्व में आने के बाद से बांग्लादेश की राजनीति पर हावी रहा है. बंगाल की खाड़ी से इसकी निकटता और म्यांमार के साथ समुद्री सीमा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, विशेष रूप से अमेरिका और चीन की रुचि को बढ़ाता है.
अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने राजारबाग सेंट्रल पुलिस अस्पताल में घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात के दौरान कहा, "जब मीडिया सच्चाई को सामने नहीं लाता तो राष्ट्र लड़खड़ा जाता है."
बांग्लादेश की आजादी में शामिल स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा था. इसी आरक्षण के विरोध में इस वक्त बांग्लादेश में प्रदर्शन हो रहे हैं.
खालिदा जिया मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख हैं. जेल में बंद नेत्री को शेख हसीना का कट्टर विरोधी माना जाता है. शेख हसीना 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बनीं. तब से, उन्होंने और खालिदा जिया ने कई सालों तक बारी-बारी से सरकारें चलाईं .
कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये बात कही जा रही है कि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा, छात्र शिबिर, हिंसा भड़का रही है और बांग्लादेश में छात्र विरोध को राजनीतिक आंदोलन में बदल रही है. इन छात्रों के बारे में कहा जा रहा है कि इन्हें पाकिस्तान की ISI का समर्थन प्राप्त है.
पिता की हत्या से ठीक 15 दिन पहले ही अपनी बहन के साथ हसीना जर्मनी चली गई थीं. हसीना के पति न्यूक्लियर साइंटिस्ट थे और जर्मनी में ही रहते थे.
द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने आज दोपहर करीब तीन बजे गोनो भवन के दरवाजे खोल दिए और लोग प्रधानमंत्री आवास के परिसर में प्रवेश कर गए. इससे पहले हसीना अपनी बहन के साथ यहां से जा चुकी थीं.
इससे पहले शुक्रवार को ही अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा और इजरायल की रक्षा के लिए मध्य पूर्व में अतिरिक्त युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों की तैनाती शुरू कर दी है.