अंबिकापुर नगर निगम में टेंडर पर घमासान, 3 करोड़ का ठेका निरस्त होने के बाद कांग्रेस हमलावर

CG News: नगर निगम के लोग निर्माण प्रभारी मनीष सिंह ने कहा है कि टेंडर इसलिए निरस्त किया गया क्योंकि पुराने SOR रेट पर टेंडर जारी किया गया था.
Congress attacks on Municipal Corporation over tender

नगर निगम में टेंडर को लेकर कांग्रेस हमलावर

CG News: अंबिकापुर नगर निगम में इन दिनों घमासान शुरू हो गया है. यह घमासान 3 करोड रुपए के टेंडर को निरस्त करने के बाद शुरू हुआ है. कांग्रेस यहां टेंडर के निरस्त होने के बाद नगर निगम प्रशासन और महापौर पर हमलावर है. दूसरी तरफ महापौर और नगर निगम प्रशासन की टीम सफाई दे रही है.

नगर निगम के लोग निर्माण प्रभारी मनीष सिंह ने कहा है कि टेंडर इसलिए निरस्त किया गया क्योंकि पुराने SOR रेट पर टेंडर जारी किया गया था, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि नए SOR पर टेंडर जारी किया गया था लेकिन अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर निरस्त किया गया है.

तीन बार निरस्त हो चुका टेंडर

अंबिकापुर नगर निगम में 3 करोड़ से अधिक रुपए के अलग-अलग निर्माण कार्यों के लिए टेंडर जारी किया था और टेंडर को अचानक निरस्त कर दिया गया जबकि इन्हीं निर्माण कार्यों के लिए दो बार पहले भी टेंडर जारी किया गया था और उन्हें भी निरस्त किया था. मतलब यह तीसरी बार है जब नाली, सड़क और नाला निर्माण के कार्यों को करने के लिए जारी किया गया और टेंडर निरस्त किया गया है. इस टेंडर के तहत 60 अलग-अलग निर्माण कार्य को किया जाना था जिसमें कई वार्ड में सीसी रोड बन जाता तो कई वार्डों में नालियों का निर्माण किया जाता.

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नेता प्रतिपक्ष ने लगाए आरोप

नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कल टेंडर निरस्त किए जाने के बाद भाजपा पर आरोप लगाया कि अपने लोगों को नगर निगम में ठेका दिलाने के चक्कर में टेंडर निरस्त किया गया है जबकि अगर टेंडर निरस्त नहीं किया गया होता तो निर्माण कार्य समय पर पूरे होते और लोगों की परेशानी कम होती. इसके बाद जैसे ही नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया.

टेंडर निरस्‍त करने का कारण

महापौर मंजूषा भगत ने आज प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और इस दौरान लोक निर्माण विभाग के प्रभारी मनीष सिंह ने कहा कि बरसात में निर्माण कार्य करना आसान नहीं होता है इसी वजह से टेंडर को निरस्त किया गया. इसके अलावा उनका कहना था कि तकनीकी कारण से भी टेंडर को निरस्त किया गया है, हालांकि कौन से तकनीकी कारण हैं वे नहीं बता सके. उनका सिर्फ इतना ही कहना था कि पुराने एसओआर रेट पर टेंडर हुआ था और यही वजह है कि इसे निरस्त करना पड़ा जबकि हकीकत या है कि 1 जनवरी 2025 के नए SOR रेट पर टेंडर जारी किया गया था.

निर्माण कार्यों में क्‍यो हो रही देरी

अब सवाल उठ रहा है कि आखिर नगर निगम में निर्माण कार्यों को लेकर इतनी राजनीति क्यों हो रही है अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के चक्कर में निर्माण कार्य में देरी क्यों की जा रही है. सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर नगर निगम में फैसला कौन ले रहा है. सारे सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि शहर की सड़क बेहद खराब है नालियां जहां-तहां टूटी हुई है और लोग जल भराव की समस्या से परेशान हो रहे हैं अगर यही सारे निर्माण कार्य गर्मी के समय पूरे हो गए होते तो लोगों को इतना परेशान नहीं होना पड़ता.

दूसरी तरफ नगर निगम के अंदरखाने में चर्चा है कि अंबिकापुर नगर निगम महापौर मंजूषा भगत पहली बार महापौर चुनी गई है और उन पर लगातार राजनीतिक दबाव बनाने जैसी स्थिति बन रही है जिसकी वजह से नगर निगम क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं. इसका सीधा असर आने वाले दिनों में नगर निगम के विकास कार्यों पर पड़ सकता है. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि मंजूषा भगत को फ्री हैंड किया जाए, ताकि मंजूषा भगत की अलग पहचान बन सकें.

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