Ambikapur: निजी अस्पतालों की बड़ी लापरवाही आई सामने, ऑपरेशन के बाद महिला की गई जान, परिजनों ने की FIR की मांग

Ambikapur: अंबिकापुर के एक निजी अस्पतालों के डॉक्टर और प्रबंधन पर लापरवाही पूर्वक एक महिला के बच्चेदानी का ऑपरेशन करने का आरोप लगा है क्योंकि ऑपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ती गई और उसे अस्पताल में सही इलाज नहीं मिला.
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Ambikapur: अंबिकापुर के एक निजी अस्पतालों के डॉक्टर और प्रबंधन पर लापरवाही पूर्वक एक महिला के बच्चेदानी का ऑपरेशन करने का आरोप लगा है क्योंकि ऑपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ती गई और उसे अस्पताल में सही इलाज नहीं मिला. जिसकी वजह से दूसरे अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी हालत और गंभीर हो गई, और बाद में डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए, फिर महिला की मौत हो गई. परिजनों ने इस मामले में अस्पताल प्रबंधन सहित डॉक्टरो के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है.

निजी अस्पतालों की लापरवाही से गई महिला की गई जान

सरगुजा के लखनपुर जनपद क्षेत्र के जजगा गांव में रहने वाली मधु गुप्ता के बच्चेदानी में गांठ हो गया था. इसके इलाज के लिए परिजनों के द्वारा उसे अंबिकापुर के ठाकुरपुर में स्थित आशीर्वाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टर ने कहा कि इसके इलाज के लिए बच्चेदानी का ऑपरेशन करना पड़ेगा. ऑपरेशन के बदले डॉक्टर ने 42000 से अधिक रुपए की डिमांड की तब परिवार के लोगों ने अपनी संपत्ति गिरवी रखकर अस्पताल प्रबंधन को ऑपरेशन के लिए पैसे दिए मधु गुप्ता का ऑपरेशन किया गया, और उसके बाद कुछ घंटे बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. उसके शरीर में सूजन आने लगा इस पर अस्पताल के डाक्टर फिर से उसे ऑपरेशन थिएटर ले गए, इसके बाद महिला की हालत और बिगड़ गई और इसके बाद एंबुलेंस के माध्यम से आशीर्वाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला को केयर अस्पताल भेजा गया. उसके बाद महिला की हालत सुधारने की वजह है और लगातार बिगड़ती रही इसके बाद केयर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा भी इलाज करने से हाथ खड़ा कर दिया गया. तब महिला को परिजन इलाज के लिए रायपुर लेकर पहुंचे, लेकिन वहां भी इलाज नहीं हो सका और महिला की मौत हो गई.

परिजनों ने लगाए कई आरोप

मृतिका महिला मधु गुप्ता के पति और परिवार के लोगों ने बताया कि मधु गुप्ता का ऑपरेशन दूसरे निजी अस्पताल के डॉक्टर कंचन माझी के द्वारा किया गया और जब महिला की हालत बिगड़ी तब उसे बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के ही एंबुलेंस में आशीर्वाद अस्पताल से केयर अस्पताल भेज दिया गया. इसके लिए परिवार के किसी सदस्य से पूछा तक नहीं गया. आरोप है कि आशीर्वाद अस्पताल बेहद कम संसाधनों में संचालित किया जा रहा है और यहां पर कई जटिल ऑपरेशन किया जा रहे हैं जिसकी वजह से ऐसी घटना हो रही है.

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परिजनों ने की FIR और मुआवजे की मांग

मधु गुप्ता की मौत की घटना की पूरी कहानी बताते हुए परिजनों ने इसकी शिकायत सरगुजा पुलिस से की है और कहा है कि मधु गुप्ता एक मितानीन थी और परिवार का पालन पोषण और देखरेख भी उन्हीं के द्वारा किया जाता था, ऐसे में दोषी डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाए और साथ ही उन्होंने मुआवजा दिलाने की भी मांग की है.

इस घटना ने एक बड़े सवाल को जन्म दे दिया है कि आखिर अंबिकापुर में हर गली-गली में खुले निजी अस्पतालों की जांच और निरीक्षण जब लाइसेंस जारी करने के लिए किया जाता है. तब मानकों का ध्यान क्यों नहीं रखा जाता है, अंबिकापुर में रिहायशी क्षेत्रों में और रेजिडेंशियल मकान में अस्पताल संचालित किया जा रहे हैं. कई अस्पताल डॉक्टर के जुगाड़ सिस्टम से चल रहे हैं, इन अस्पतालों के फार्मेसी और लैब का तो भगवान ही मालिक है, लेकिन हैरानी की बात है कि इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी इन अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. वहीं शिकायतकर्ता मरीज के परिजनों से ही आरोपियों जैसा व्यवहार करना शुरू कर देते हैं.

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