Ambikapur: NH विभाग के भ्रष्टाचार की खुली पोल, 6 घंटे में ही उखड़ी 6 करोड़ की सड़क, ट्रॉली में लोड कर ले गए सफाई कर्मी

Ambikapur: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में नेशनल हाईवे के अधिकारियों ने एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया है. यहां पर करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से शहर के भीतर नेशनल हाईवे की सड़क का मरम्मत कार्य पिछले कई दिनों से चल रहा है, लेकिन यहां पर ठेकेदार व अधिकारियों ने मिली भगत से कड़ाके की ठंड में रात 12:00 बजे सड़क का मरम्मत करना शुरू कर दिया. लेकिन सुबह होते ही पूरी सड़क उखड़ गई.
Chhattisgarh

Ambikapur: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में नेशनल हाईवे के अधिकारियों ने एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया है. यहां पर करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से शहर के भीतर नेशनल हाईवे की सड़क का मरम्मत कार्य पिछले कई दिनों से चल रहा है, लेकिन यहां पर ठेकेदार व अधिकारियों ने मिली भगत से कड़ाके की ठंड में रात 12:00 बजे सड़क का मरम्मत करना शुरू कर दिया गया, लेकिन जब रिपेयरिंग की जा रही थी. तब कड़ाके की ठंड को देखते हुए लोगों ने रात में सड़क का मरम्मत करने का विरोध किया.

NH विभाग का भ्रष्टाचार, 6 घंटे में ही उखड़ी 6 करोड़ की सड़क

लोगों ने कहा कि सड़क निर्माण में जो डामर का उपयोग किया जा रहा है. वह भी घटिया है, लेकिन अधिकारियों ने इसके बाद भी जल्दबाजी दिखाते हुए रिपेयरिंग कर दी लेकिन सुबह होते ही पूरी सड़क उखड़ गई और जब नगर निगम के कर्मचारी सफाई करने के लिए पहुंचे तो वे भी हैरान रह गए. क्योंकि रात में बनी सड़क सुबह उखड़ चुकी थी.

इसके बाद रिपेयरिंग जो मलबा बन चुका था उसे उठाकर ट्रैक्टर ट्राली में डालकर ले गए. मतलब रात में सड़क बना और सुबह नगर निगम के कर्मचारी जब पहुंचे तब भ्रष्टाचार की पोल खोल चुकी थी.

मामले पर क्षेत्र के नेताओं ने साधी चुप्पी

हैरानी की बात यह है कि इसके बावजूद अंबिकापुर में राजनीतिक दल के नेता और जनप्रतिनिधि इस पूरे मामले को लेकर खामोश है. वहीं स्थानीय लोगों में नेशनल हाईवे के अधिकारियों के प्रति गुस्सा है. लोगों का कहना है की खुलेआम इस तरीके से सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार किया जा रहा है जबकि जर्जर सड़क की वजह से पिछले 2 सालों से परेशान हैं. हैरानी इस बात का भी है कि बरसात के दिनों में जर्जर नेशनल हाईवे की सड़कों को ठीक करने के लिए सांसद, विधायक और महापौर सड़क में उतरे थे. उन्होंने बरसात के बाद क्वालिटी के साथ सड़क मरम्मत और नए निर्माण का भरोसा दिलाया था लेकिन बरसात के जाने के बाद भी लोग परेशान हो रहे हैं. दूसरी तरफ इस भ्रष्टाचार पर न तो नेशनल हाईवे के अधिकारी लगाम लगा पा रहे हैं और न ही नगर निगम के अधिकारी ही अपनी सड़कों का गुणवत्ता के साथ निर्माण कर पा रहे हैं. मतलब साफ है कि सड़क निर्माण में बड़े पैमाने पर कमीशन खोरी चल रहा है और सभी जनप्रतिनिधि खामोश हैं.

अंबिकापुर शहर के भीतर से नेशनल हाईवे की सड़क गुजरती है और सदर रोड, महामाया चौक के अलावा देवीगंज रोड भी नेशनल हाईवे के क्षेत्र में आता है. मतलब आप इसे इस तरीके से समझ सकते हैं कि अंबिकापुर शहर की मुख्य सड़क नेशनल हाईवे के हिस्से की है लेकिन इसके बाद भी सड़क के बीचो-बीच भ्रष्टाचार का खुले आम खेल चल रहा है. जानकारों का कहना है कि मरम्मत का यह काम 7 करोड़ का है. करीब 10 किलोमीटर लंबी इस तरह की सड़क का पेंच रिपेयरिंग करना है. सिलफिली, अंबिकापुर, सीतापुर, कुनकुरी में इसके तहत काम हो रहा है. इसके बाद कुछ महीनो में इसी सड़क का नए सिरे से दोबारा निर्माण शुरू होगा जिसमें करीब 42 करोड रुपए खर्च होंगे. यही वजह है की मरम्मत का काम भी सिर्फ टायरिंग के नाम पर काला सड़क के रूप में दिखाने की कोशिश हो रही है, ताकि मरम्मत वाली टायरिंग का फोटो खींचकर अधिकारी बिल लगाकर 7 करोड रुपए निकाल सकें.

जनप्रतिनिधि दे रहे सिर्फ जुबानी भरोसा, जानिए क्यों?

पिछले कुछ साल के भीतर अंबिकापुर नगर निगम ने भी करोड़ रुपए खर्च कर अपने हिस्से की सड़क का रिपेयरिंग कराया है. उनकी हालत भी कुछ ऐसी ही है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर ठेकेदारों और जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस देकर खानापूर्ति की जा रही है. जब स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इसे लेकर सवाल पूछा जाता है, तब मॉनिटरिंग का दावा किया जाता है. पिछले दिनों अंबिकापुर नगर निगम की महापौर मंजूषा भगत ने जनता से कहा था कि अगर कहीं पर घटिया सड़क का निर्माण हो रहा हो तो आप उसकी जानकारी मुझे दीजिए कार्रवाई की जाएगी. इसी तरह अंबिकापुर के दूसरे जनप्रतिनिधि और सांसद विधायक जनता से वादा करते हैं लेकिन क्वालिटी में कोई सुधार नहीं हो रहा है. माना जा रहा है की हालत यही रहे तो आने वाले दिनों में शहर के लोगों का गुस्सा सड़क पर दिखाई दे सकता है.

कैसे उखड़ी सड़क?

पूरे मामले को लेकर नेशनल हाईवे के कार्यपालन अभियंता का पक्ष लेना चाहा लेकिन उनका मोबाइल फोन बंद मिला. नेशनल हाईवे के सब इंजीनियर नवीन सिन्हा ने बताया कि 5 से 7 मीटर सड़क सड़क उखड़ा था क्योंकि रात में टायरिंग करते समय रोलर खराब हों गया और रोलिंग नहीं हों सका. इसकी वजह से डामर ठंडा हो गया था, बाकि सड़क का सही निर्माण हुआ है.

कर्मचारियों को शराब पीला रहे ठेकेदार

वहीं दूसरी तरफ जानकारों का यह भी कहना है कि ठेकेदार दूसरे राज्य का है, और स्थानीय ठेकेदार उससे अब प्रतिस्पर्धा के तौर पर उसके कर्मचारियों को काम के दौरान शराब पीला दें रहें हैं ताकि काम ठीक तरह से न हो और ठेकेदार यहां से भाग जाए क्योंकि ठेकेदार ने यहां के लोगों को पेटी में भी काम नहीं दिया है.

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