Ambikapur: रामगढ़ पहाड़ी पर सियासत जारी, BJP के बाद कांग्रेस ने बनाई 15 नेताओं की जांच समिति

Ambikapur: रामगढ़ पहाड़ में ब्लास्टिंग और माइनिंग के मामले में पर लगातार सियासत जारी है. BJP के बाद अब कांग्रेस ने भी जांच समिति गठित की है. 15 कांग्रेस नेता रामगढ़ पहाड़ का जायजा लेने जाएंगे.
ramgarh

रामगढ़ पहाड़ी

Ambikapur:  करीब 200 मिलियन साल पहले निर्मित रामगढ़ पहाड़ में ब्लास्टिंग और माइनिंग को लेकर सियासत बढ़ती जा रही है. BJP के बाद अब कांग्रेस ने भी जांच कमेटी का गठन किया है, जिसके बाद 15 कांग्रेस नेता अब पहाड़ी का जायजा लेने के लिए रामगढ़ पहाड़ी पर जाएंगे. कांग्रेस जिला अध्यक्ष बाल कृष्ण के नेतृत्व में टीम पूरी जांच करेगी.

कांग्रेस जांच दल जाएगी रामगढ़ पहाड़

कांग्रेस जिला अध्यक्ष सहित जांच दल के पदाधिकारी रामगढ़ जाएंगे. जांच टीम के सदस्य विशेषज्ञ की टीम से चर्चा कर रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगे. बता दें कि BJP की जांच टीम ने कहा था कि कोल माइंस से पहाड़ को नुकसान नहीं है. हालांकि, भाजपा ने अभी तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है. पहाड़ में भू-स्खलन और जगह-जगह पहाड़ में दरार है.

पहाड़ को खनन और ब्लास्टिंग से कोई नुकसान नहीं

रामगढ़ पहाड़ को हो रहे नुकसान की BJP जांच टीम के संयोजक शिव रतन शर्मा ने कहा था- इलाके में कोल खनन की अनुमति कांग्रेस सरकार के दौरान दी गई थी, उन्होंने जाकर देखा है पहाड़ में माइनिंग की वजह से कोई नुकसान नहीं हो रहा है. बता दें कि BJP ने तीन सदस्यों वाली एक जांच टीम का गठन किया था.

पूर्व उप मुख्यमंत्री TS सिंहदेव ने रामगढ़ पहाड़ को ब्लास्टिंग और माइनिंग की वजह से हो रहे नुकसान की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था और इस मामले में संज्ञान लेने की बात कही थी.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ पदयात्रा से पहले सियासत तेज, मंत्री OP चौधरी ने कहा- 2028 से पहले कांग्रेस के हो जाएंगे 28 टुकड़े

200 मिलियन साल पुराना है रामगढ़ पहाड़

जियोलॉजिस्ट के मुताबिक रामगढ़ पहाड़ का निर्माण करीब 200 मिलियन साल पहले हुआ था. इस पहाड़ का निर्माण बेसमेंट रॉक ग्रेनाइट से हुआ है जो वोल्कानिक और हार्ड रॉक है. 500 मिलियन साल पहले इस इलाके में समुद्र का आक्रमण हुआ था और समुद्र का खारा पानी यहां पहुंचा था. जिसके साथ बालू, मिट्टी और पेड़ पौधे भी यहां आए और उसी से कोयला का निर्माण हुआ. यहां पाया जाने वाला कोयला लोअर गोडवाना रॉक का हिस्सा है.

पहाड़ में कैल्केरियस है और कैलकेरिया शेड स्टोन से मिलकर पहाड़ का निर्माण हुआ है. जब समुद्र का पानी यहां काफी दूर से आया. पानी खारा होने के कारण कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा भी बढ़ गई और फिर कैल्शियम कार्बोनेट भी इस पहाड़ में है. यह पहाड़ करीब डेढ़ सौ मीटर ऊंचा है. इस पहाड़ के नीचे और उसके आसपास भारी मात्रा में इसी वजह से कोयला भी है.

ज़रूर पढ़ें