CG News: बरवाडीह रेल लाइन निर्माण घाटे का सौदा! वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष बोले- अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन का निर्माण हो

CG News: अंबिकापुर से रेणुकूट रेल मार्ग निर्माण के लिए विधानसभा में भी सर्व सहमति से प्रस्ताव पास हो चुका है. इतना ही नहीं पड़ोसी राज्यों के सांसदों और विधायकों ने भी लिखित तौर पर इस रेल लाइन के निर्माण के लिए अपनी सहमति दी है.
Ambikapur News

अंबिकापुर से रेणुकूट रेल मार्ग निर्माण की उठी मांग

CG News: छत्तीसगढ़ योजना आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने अंबिकापुर में आज बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अंबिकापुर से रेणुकूट रेल मार्ग निर्माण के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए. जबकि सरकार के द्वारा अंबिकापुर से बरवाडीह रेल मार्ग के लिए काम किया जा रहा है. इस रेल मार्ग के निर्माण के लिए अब तक बारह बार सर्वे किया जा चुका है.

हर सर्वे में इस रेल लाइन को घाटे का सौदा बताया गया है लेकिन इसके बावजूद इसी रेल लाइन के निर्माण की बात कर समय बर्बाद किया जा रहा है. रेल मंत्रालय ने कई बार कहा है कि इस रेल लाइन के निर्माण में लागत अधिक लगेगी और रेलवे को मुनाफा बेहद कम होगा. उन्होंने कहा है कि सरकार को जन भावनाओं का ख्याल रखते हुए अंबिकापुर-रेणुकूट रेल मार्ग निर्माण के लिए अब काम शुरू कर देना चाहिए क्योंकि इसका डीपीआर जमा हो चुका है.

अंबिकापुर-बरवाडीह रेल निर्माण घाटे का सौदा

अंबिकापुर से बरवाडीह रेल लाइन निर्माण अंग्रेजों के दौर में शुरू किया गया था. उस समय अंग्रेजों ने इसे अधूरा ही छोड़ दिया और देश आजाद हो गया. देश की आजाद होने के बाद इस रेल लाइन के निर्माण के लिए रेल मंत्रालय ने कई बार ऐलान किया और कई बार इसके लिए सर्वे भी किए गए. हर बार के सर्वे में इस रेल लाइन को घाटे का सौदा बताया गया और इस रेल लाइन को लेकर राजनीतिक भी खूब हुई है.

रेल मंत्रालय ने अपने सर्वे में इस रेल लाइन के बारे में कहा है कि यह रेल लाइन रेल मंत्रालय के लिहाज से नुकसानदायक है और यही वजह है कि इस रेल लाइन का निर्माण नहीं किया जा सकता. अब फिर से इस रेल लाइन के निर्माण के लिए चर्चा शुरू हुई है.

रेणुकूट मार्ग निर्माण की उठी मांग

दूसरी तरफ पहले हुए सर्वे और सर्वे के बाद इस रेल लाइन को निरस्त करने के आदेश को मध्य नजर रखते हुए अब अंबिकापुर से रेणुकूट रेल लाइन मार्ग निर्माण की मांग उठ रही है. इसका अंतिम सर्वे भी किया जा चुका है. इतना ही नहीं इसके निर्माण के लिए डीपीआर भी जमा हो चुका है, लेकिन अब तक रेल लाइन के लिए बजट जारी नहीं हो सका है.

अंबिकापुर से रेणुकूट रेल मार्ग निर्माण के लिए विधानसभा में भी सर्व सहमति से प्रस्ताव पास हो चुका है. इतना ही नहीं पड़ोसी राज्यों के सांसदों और विधायकों ने भी लिखित तौर पर इस रेल लाइन के निर्माण के लिए अपनी सहमति दी है. वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय ने भी इस रेल लाइन को फायदेमंद बताया है. राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में इस रेल लाइन के निर्माण के लिए बजट जारी नहीं किया गया है.

‘ये रेल लाइन कई लिहाज से बेहतर’- मुकेश तिवारी

बिलासपुर जोन क्षेत्रीय रेल उपयोग कर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य मुकेश तिवारी ने कहा कि अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन कई लिहाज से बेहतर है. यह बात रेल लाइन निर्माण से पहले रेल मंत्रालय द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट में भी सामने आया है. बरवाडीह रेल लाइन मार्ग सभी सर्वे में घाटे का सौदा बताया गया है.

मुकेश तिवारी ने आगे बताया कि अंबिकापुर-बरवाडीह रेल मार्ग निर्माण के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस लेना पड़ेगा और यह भी इतना आसान नहीं होगा क्योंकि चार अभ्यारण से होकर लाइन गुजरेगी. सेमरसोत अभ्यारण्य, भंडरिया टायगर रिजर्व, बिन्दा रिजर्व फारेस्ट, बेतला नेशनल पार्क इससे प्रभावित होगा. वहीं अंबिकापुर से रेणुकूट रेल लाइन में महज 13 किलोमीटर का जंगल आएगा दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि बरवाडीह रेल लाइन विस्तार होने पर सरगुजा में नक्सलवाद और अपराधियों को पनपने का मौका मिल जाएगा.

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SECL ने निर्माण के लिए पैसे देने से किया इंकार

एसईसीएल से भी इस रेल लाइन निर्माण के लिए बजट मांगा गया था. एसईसीएल ने भी यह कहकर इस रेल लाइन के निर्माण के लिए रुपए देने से इनकार कर दिया कि कंपनी का कोई भी खदान इस क्षेत्र में नहीं आता है. वहीं दूसरी तरफ अंबिकापुर से रेणुकूट रेल लाइन की लंबाई भी अंबिकापुर बरवाडीह रेल लाइन मार्ग की तुलना में कम है. ऐसे में इस रेल लाइन का निर्माण करने में लागत जहां काम आएगी. वहीं दूसरी तरफ लोग सीधे तौर पर दिल्ली सहित दूसरे महानगरों से आसानी से कम दूरी तय कर जुड़ पाएंगे.

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