Ambikapur: 17 साल से स्कूल में चल रहा विश्वविद्यालय का कैंपस, बिना प्रैक्टिकल 1 हजार फार्मेसी स्टूडेंट्स को मिली डिग्री, फर्जीवाड़ा आया सामने

Ambikapur: सरगुजा जिले के सबसे बड़े सरकारी विश्वविद्यालय यानी संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कैंपस का संचालन पिछले 17 सालों से हायर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में किया जा रहा है. इसकी वजह से यहां फार्मेसी का डिग्री और डिप्लोमा करने वाले छात्रों को बिना प्रैक्टिकल कराये ही सर्टिफिकेट व डिग्री बांटा जा रहा है.
Chhattisgarh

Ambikapur: सरगुजा जिले के सबसे बड़े सरकारी विश्वविद्यालय यानी संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कैंपस का संचालन पिछले 17 सालों से हायर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में किया जा रहा है. इसकी वजह से यहां फार्मेसी का डिग्री और डिप्लोमा करने वाले छात्रों को बिना प्रैक्टिकल कराये ही सर्टिफिकेट व डिग्री बांटा जा रहा है.

अब तक एक हजार से अधिक स्टूडेंट यहां से बिना प्रैक्टिकल किए पास आउट होकर निकल चुके हैं. इसके अलावा आधा दर्जन दूसरे डिपार्टमेंट का भी संचालन इसी तरीके से एक-एक दो-दो कमरों में किया जा रहा है.

17 साल से स्कूल में चल रहा विश्वविद्यालय का कैंपस

संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय की स्थापना 2008 में की गई इसके बाद 2016 में विश्वविद्यालय के नए कैंपस का निर्माण शुरू हुआ लेकिन बजट के अभाव में अब तक नए परिसर का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। यही वजह है कि फार्मेसी, विधि, हिंदी सहित आधा दर्जन विभागों का संचालन हायर सेकेंडरी स्कूल के भवन में किया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि यहां प्रैक्टिकल करने के लिए संसाधनों की बेहद कमी है। फार्मेसी जैसे विषय में डिग्री और डिप्लोमा लेकर बिना प्रैक्टिकल किए ही छात्र यहां से निकल रहे हैं और उन्हें हर साल पास आउट किया जा रहा है. दूसरी तरफ यहां से पास आउट होकर निकलने वाले छात्र बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं क्योंकि प्राइवेट सेक्टर में नॉलेज के अभाव में उन्हें नौकरी तक नहीं मिल रही है.

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बिना प्रैक्टिकल 1 हजार फार्मेसी स्टूडेंट्स को मिली डिग्री

हैरानी की बात तो यह है कि सरगुजा में संचालित संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय को 17 साल हो गए यानी तीन सरकारें बदल गईं लेकिन इसके बावजूद अब तक कैंपस का निर्माण नहीं हो पाया जो सरगुजा के युवाओं के साथ किसी मजाक से कम नहीं है और यही वजह है कि विश्व विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने के बाद निकलने वाले हजारों छात्र हर साल बेरोजगार हो रहे हैं, क्योंकि सिर्फ किताबी ज्ञान की वजह से उन्हें नौकरियां भी नहीं मिल पा रही है.

उम्मीद है कि सरकार युवाओं के भविष्य को देखते हुए विश्वविद्यालय के अधूरे पड़े कैंपस का निर्माण पूरा करने के लिए जल्द ही बजट जारी करेगी और युवाओं को क्वालिटी वाला एजुकेशन मिल सकेगा.

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