लाचार सिस्टम! अंबिकापुर के गांव में सड़क नहीं, CAF जवान का शव ढोकर घर ले गए परिजन, गांव वालों का फूटा गुस्सा
Ambikapur: छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में विकास के कई दावे किए जा रहे हैं, लेकिन सच्चाई बिल्कुल अलग है. मैनपाट के कमलेश्वरपुर से 7 किलोमीटर दूर असगवां सुगापानी गांव तक जाने के लिए सड़क ही नहीं है, लेकिन अब सड़क नहीं होने की वजह से एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है.
CAF जवान के लाश को ढोकर घर ले गए परिजन
यहां पर पिछले दिनों इसी गांव में रहने वाले छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के जवान लवरेंश बड़ा की लाश को कंधे में ढोकर परिवार के लोगों को 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. इसके बाद फिर इसी गांव के एक दूसरे युवक अमित किंडो की सड़क हादसे में मौत हुई तब भी उसके लाश को लोगों ने ढोकर घर तक पहुंचाया, हैरानी की बात है कि इसके बाद भी जिम्मेदारों की नींद नहीं खुल रही है.
गांवो वालों की फूटा गुस्सा
सरगुजा जिले की सीतापुर विधानसभा क्षेत्र का इलाका है. जहां वोट मांगने के दौरान नेताओं ने लोगों से वादा किया था कि उनके गांव तक पक्की सड़क बन जाएगी लेकिन पक्की सड़क तो दूर यहां ठीक से कच्ची सड़क तक नहीं है जहां एंबुलेंस या फिर दूसरे वहां आ जा सके और यही वजह है कि अब जब लोगों की यहां मौत हो रही है, तो लाश को धोकर कई-कई किलोमीटर लोगों को चलना पड़ रहा है और लोग इस बात को लेकर बेहद गुस्से में है लोगों का कहना है कि उन्होंने सड़क बनवाने के वादे पर नेताओं को वोट दिया और उन्होंने विधायक भी बनाया लेकिन उनके गांव में अब तक सड़क नहीं बनी है इतना ही नहीं लोगों को बरसात के दौरान मछली नदी में बने अनिकट को पार कर गांव पहुंचना पड़ता है, वहीं जब लोग बीमार हो जाते हैं तब उन्हें कांवर में ढोकर लोग अस्पताल पहुंचते हैं.
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नेता-मंत्री नहीं दे रहे ध्यान
हैरानी की बात यह है, कि मैनपाट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर साल करोड़ रुपए अलग-अलग कार्यों में खर्च किए जा रहे हैं लेकिन यहां की गांव में बिजली पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है. हालात देकर इतना तो कह सकते हैं कि जीते जी तो दूर की बात है यहां मौत के बाद भी सम्मान नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में यहां के स्थानीय विधायक और अफसर को इस दिशा में ठोस पहल करने की जरूरत है, क्योंकि लोगों ने उन्हें अगर वोट दिया था तो एक उम्मीद के साथ दिया था और अगर वह उम्मीद पूरा नहीं हो रहा है, मतलब उनके साथ धोखा हो रहा है. उम्मीद है कि इस रिपोर्ट को देखने के बाद जिम्मेदारों की नींद खुलेगी और इस गांव में सड़क बनेगी.