Balrampur: किसानों के कब्जे की जमीन पर भ्रष्टाचार की पौधशाला, जांच करने पहुंचे अफसर करने लगे फोटोबाजी, तस्वीरें आई सामने

Balrampur: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में भ्रष्टाचार के पौधशाला की खबर विस्तार न्यूज़ में आने के बाद उद्यान विभाग के अधिकारी धंधापुर गांव पहुंचे और उन्होंने मौके का जायजा लिया. यहां पर उन्होंने पाया कि जिस जमीन पर उद्यान विभाग के द्वारा लाखों रुपए खर्च कर 1100 से अधिक पौधों का रोपण किया जा रहा है.
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अफसरों की रीलबाजी

Balrampur: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में भ्रष्टाचार के पौधशाला की खबर विस्तार न्यूज़ में आने के बाद उद्यान विभाग के अधिकारी धंधापुर गांव पहुंचे और उन्होंने मौके का जायजा लिया. यहां पर उन्होंने पाया कि जिस जमीन पर उद्यान विभाग के द्वारा लाखों रुपए खर्च कर 1100 से अधिक पौधों का रोपण किया जा रहा है. वहां पहले भी अलग-अलग विभागों ने पौधे लगाए थे लेकिन विभाग के अधिकारियों को यह जानकारी मिलने के बावजूद पहले हुई गड़बड़ी पर कार्रवाई को लेकर प्रशासन की तरफ से अब तक कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. हैरानी वाली बात यह है कि अभी भी उद्यान विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार की पौधशाला वाली जमीन पर ही वृक्षारोपण करने उतारू हैं, इससे उद्यान विभाग के अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

दूसरी तरफ गांव वालों ने आरोप लगाया है कि जिस जमीन पर अब तक अलग-अलग विभाग के अधिकारियों के द्वारा लाखों रुपए खर्च कर पौधे लगाए गए और अब उद्यान विभाग पौधे लगा रहा है. वह जमीन उनके पूर्वजों के कब्जे की जमीन है, वहां पर वह खेती कर रहे हैं किसानों ने उस जमीन पर शकरकंद और मक्के की खेती की हुई है लेकिन फसलों के बीच पौधे लगाने के लिए उद्यान विभाग के द्वारा रोजगार गारंटी योजना के तहत गड्ढे खुदवाये जा रहे हैं. गांव के महावीर सहित अन्य गांव वालों ने बताया कि अब तक जितने गड्ढे खोदे गए हैं. रोजगार गारंटी के तहत मजदूरों को उसका पूरा भुगतान कर दिया जाए और फिर काम बंद किया जाए अगर पौधरोपण करना ही है तो दूसरे पंचायत में पौध रोपण किया जाए.

गांव वालों की जमीन पर है कब्जा, भ्रष्टाचार की पौधशाला

उद्यान विभाग के अधिकारी भी भ्रष्टाचार की पौधशाला वाली इस जमीन में अपना नाम कमाना चाह रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ गांव वालों के कब्जे की जमीन पर इस तरीके से पौध रोपण करने का हश्र पहले जैसा ही होने का पूरा अनुमान है क्योंकि गांव के लोग खुलकर विरोध नहीं करते हैं और उनका विरोध काफी आंतरिक होता है जिसकी वजह से यहां पर पौधे तैयार नहीं हो पाते हैं दूसरी तरफ उद्यान विभाग के अधिकारियों ने पंचायत के प्रतिनिधियों को अपनी तरफ मिला लिया है उन्हें भी लालच दिया गया है जिसकी वजह से गांव के सरपंच और पंचायत के दूसरे पदाधिकारी विरोध नहीं कर पा रहे हैं.

पहले भी हुआ लाखों का फेंसिंग, लेकिन जांच क्यों नहीं?

विस्तार न्यूज़ संवाददाता ने ग्राउंड जीरो पर जाकर देखा तो यहां पर पता चला कि पहले अलग-अलग विभागों के द्वारा पौधारोपण के साथ फेंसिंग भी किया गया था लेकिन वह फेंसिंग मापदंड और एस्टीमेट के अनुरूप नहीं था जिसके कारण फेंसिंग टूट गया और जंग लगकर खत्म हो गया तो बचे हुए फेसिंग और उसके पोल को गांव वाले अपने उपयोग के लिए लेकर चले गए।

जानिए क्यों बनी है, उद्यान और पंचायत के लोगों की गठजोड़

भ्रष्टाचार की इस पौधशाला पर उद्यान विभाग भी अपनी तैयारी में जुटा हुआ है. गौण खनिज मद योजना के तहत यहां भी रोजगार गारंटी योजना के तहत पौधारोपण के बाद फेंसिंग किया जाएगा और ग्राम पंचायत को इसका एजेंसी बनाने की तैयारी है. यही वजह है कि ग्राम पंचायत और उद्यान विभाग के अधिकारी आपसी गठजोड़ कर इस गड़बड़ी को अंजाम देने की तैयारी में जुटे हुए हैं. दूसरी तरफ यहां जांच करने के लिए पहुंचे अधिकारी ग्रुपिंग फोटो तैयार कर और कुछ लोगों से बातचीत कर निकलते बने. उन्होंने लोगों को सुनना नहीं चाहा, उन्होंने उन लोगों को बुलाया था जो पंचायत के पदाधिकारी थे. गांव के आम लोगों से अधिकारियों ने बातचीत करना उचित नहीं समझा ताकि दिखावे का जांच रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को सब बढ़िया-बढ़िया बताया जा सके. बहरहाल विस्तार न्यूज लगातार इस मुद्दे पर आपको अपडेट देता रहेगा और इस प्रोजेक्ट में जो भी गड़बड़ी होगी उसे लगातार सामने रखता रहेगा.

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