मैं दोषी नहीं हूं…’ भारतमाला घोटाले में निलंबित पटवारी ने की लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा 3 लोगों का नाम

Bilaspur:भारतमाला प्रोजेक्ट के भ्रष्टाचार में फंसे निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा ने आत्महत्या कर ली है. इस केस की जांच के दौरान पुलिस को सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने तीन लोगों का नाम लिखा है.
bilaspur_patwari_suicide

बिलासपुर पटवारी सुसाइड केस

Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के चर्चित भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला में बिलासपुर के निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी. अब इस मामले की जांच के दौरान पुलिस को सुरेश का सुसाइड नोट मिला है. इस नोट में सुरेश ने तीन लोगों का नाम लिखा है और खुद को निर्दोष बताया है. वह दो दिन बाद ही रिटायर होने वाले थे.

निलंबित पटवारी का सुसाइड नोट

भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला मामले में कुछ दिनों पहले ही बिलासपुर के पटवारी सुरेश मिश्रा को निलंबित किया गया था. वह 30 जून को रिटायर होने वाले थे. अपने रिटायरमेंट के दो दिन पहले ही सुरेश ने सुसाइड कर लिया. सुरेश के फॉर्म हाउस में उनका शव मिला है.

इस मामले की जांच के दौरान पुलिस को दो सुसाइड नोट मिले हैं. इसमें निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा ने RI, कोटवार समेत 3 लोगों का नाम लिखा है. साथ ही लिखा है- ‘मैं दोषी नहीं हूं…’

जांच में जुटी पुलिस

सकरी थाना प्रभारी प्रदीप आर्य ने बताया कि जांच के दौरान दो सुसाइड नोट मिलाे है. इनमें से एक नोट में सुरेश ने अपनी बहाली का जिक्र किया है, जबकि दूसरे में अपने निर्दोष होने की बात कहते हुए ग्राम कोटवार समेत दो लोगों का नाम लिखा है. साथ ही अपनी बीमारी का भी जिक्र किया है. इस मामले में आगे विधिवत कार्रवाई होगी.

जानें पूरा मामला

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर से धनबाद तक बनने वाले इकोनॉमिक कॉरिडोर में भूमि अधिग्रहण के मामले में घोटाले की चर्चा पूरे छत्तीसगढ़ में है. इस योजना को जोड़ने के लिए बिलासपुर से उरगा तक 1115 करोड़ रुपए की लागत से एक अलग एक्सप्रेस सड़क तैयार हो रही है, जिसमें भी भूमि अधिग्रहण मामले में भ्रष्टाचार किया गया है. इस योजना में 100 किलोमीटर एक्सप्रेस फोरलेन सड़क बनेगी.

इस प्रोजेक्ट के तहत मस्तूरी रोड पर स्थित ढेका नाम के गांव में गलत तरह से मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की गई है. इस लाखों रुपए का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. इस योजना में 70 किलोमीटर सड़क के लिए 46 गांव की जमीन ली गई है. इसमें 500 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा गया है और इसमें ही अलग-अलग जगह भ्रष्टाचार की बात उजागर हो गई है.

प्रोजेक्ट 90% पूरा लेकिन नहीं मिला पैसा

सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्रोजेक्ट का 90% काम पूरा हो चुका है इसके बावजूद लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. संभाग आयुक्त की तरफ से जिला प्रशासन को एक पत्र लिखा गया है जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि प्रोजेक्ट का पूरा काम हो चुका है, लेकिन सिर्फ इसी जगह हुई गड़बड़ी के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. इस गड़बड़ी को लेकर 70 से अधिक जमीन मालिकों को नोटिस भेजा गया है और इसकी भी भ्रष्टाचार की जांच जारी है.

ये भी पढ़ें- दम तोड़ता ‘लाल आतंक’… बीजापुर में 23 लाख के इनामी 13 कुख्यात हार्डकोर नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता

ग्रामीणों ने विस्तार न्यूज को बताया कि पिछले दो साल से सिर्फ 500 मीटर सड़क रायपुर से रायगढ़ नेशनल हाईवे पर जुड़नी है, लेकिन जुड़ नहीं पा रही है. यही वजह है कि पूरा प्रोजेक्ट अटक गया है और आम लोगों के अलावा सरकार को भी करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

इस मामले में बिलासपुर के पूर्व तहसीलदार DS उईके और पटवारी सुरेश मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद पटवारी सुरेश मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया था. केस दर्ज होने के बाद पटवारी सुरेश मिश्रा काफी परेशान थे. उनके साथियों ने बताया कि वह काफी दिनों से तनाव में थे.

ज़रूर पढ़ें