बिलासपुर रेल हादसा: साइकोलॉजिकल टेस्ट में फेल लोको पायलट चला रहा था ट्रेन, जांच में सनसनीखेज खुलासा

CG News: 4 नवंबर को लाल खदान के पास हुए भीषण ट्रेन हादसे में मारे गए 11 यात्रियों और 20 घायलों के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. प्रारंभिक रिपोर्ट में ही लोको पायलट विद्या सागर को दोषी ठहराया गया था, वहीं आज जांच के तीसरे दिन बाद और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
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साइकोलॉजिकल टेस्ट में फेल लोको पायलट चला रहा था ट्रेन

Bilaspur train accident: 4 नवंबर को लाल खदान के पास हुए भीषण ट्रेन हादसे में मारे गए 11 यात्रियों और 20 घायलों के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. प्रारंभिक रिपोर्ट में ही लोको पायलट विद्या सागर को दोषी ठहराया गया था, वहीं आज जांच के तीसरे दिन बाद और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेन के लोको पायलट विद्या सागर साइकोलॉजिकल टेस्ट में फेल थे. फिर भी उन्हें पैसेंजर की कमान सौंप दी गई थी. अभी भी पूरे घटनाक्रम में रेलवे प्रशासन द्वारा खुलकर कोई खुलासा नहीं किया जा रहा है.

साइको टेस्ट में फेल लोको पायलट चला रहा था ट्रेन

बता दें कि 4 नवंबर की शाम 4 बजे कोरबा-बिलासपुर मेमू का लाल खदान स्टेशन के आउटर में कोयले से भरे मालगाड़ी से टकराकर भीषण हादसा हो गया. इस भीषण हादसे में 11 यात्रियों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हो गए. रेलवे ने आयुक्त बीके मिश्रा की अगुवाई वाले 5 सदस्यीय टीम को जांच का जिम्मा सौंप दिया. टीम ने मौका मुआयना किया. जिसमें पाया गया कि घटनास्थल में एक मोड है. लोको पायलट को रेड सिग्नल नहीं दिखा उसने यलो सिग्नल समझ ट्रेन की गति बढ़ा दी जिससे मेमू सीधे कोयले से भरी मालगाड़ी से टकरा गई.

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में लोको पायलट विद्या सागर को दोषी पाया गया. अब जब हादसे को तीन दिन हो गए है तब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि विद्या सागर एक माह पहले मालगाड़ी चलाते थे एक महीने पहले ही उनका प्रमोशन हुआ था. प्रमोशन के बाद स्किल टेस्ट, मेडिकल टेस्ट के अलावा साइकोलॉजिकल टेस्ट भी लिया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक विद्या सागर इस साइकोलॉजिकल टेस्ट में फेल थे. फिर भी उन्हें पैसेंजर ट्रेन चलाने की जिम्मेदारी दे दी गई.

रेलवे प्रशासन की लापरवाही आई सामने

अब भी रेल प्रशासन द्वारा खुलकर इस बारे में बोलने कोई अधिकारी तैयार नहीं है, सिर्फ फायनल जांच रिपोर्ट आने का इंतजार कीजिए कहा जा रहा है,पर उनका क्या जो 11 लोग काल के गाल में समा गए और कई गंभीर रूप से घायल है. सवाल तो यह भी उठता है कि रेलवे प्रशासन कहता है कि ऑटो सिंगनल प्रणाली में एक ही ट्रैक में डिस्टेंस वाइस एक से ज्यादा ट्रेनें हो सकती है, अगर ऐसा कोई प्रणाली है तो उस दिन क्या हुआ था. जब एक ही ट्रैक पर दो ट्रेन टकरा गई और एक भीषण ट्रेन हादसा हो गया.

लोको पायलट एसोसिएशन ने बिलासपुर रेल हादसे में विद्या सागर को दोषी करार देने के मामले में आपत्ति दर्ज करवाई है. उनका कहना है कि जब तक सही जांच रिपोर्ट नहीं आती तब तक इंतजार करना होगा और ऐसा नहीं करने पर उन्होंने आने वाले समय में विरोध दर्ज करने की बात कही है. दूसरी तरफ रेलवे ने रनिंग स्टाफ कर्मचारियों को सिग्नल पर ट्रेन चलाने के दौरान सभी नियमों को फॉलो करने के लिए शपथ दिलवाई है.

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रनिंग स्टाफ ने सभी जगह ट्रेन चलाते वक्त नियमों का पालन करने और मुसाफिरों का ध्यान रखने का शपथ लिया है. सबसे बड़ी बात यह है कि मामले में कमिश्नर रेलवे सेफ्टी यानी कर्स की जांच करने के लिए कोलकाता से टीम आई हुई है और आज प्रयागराज से टीम आने वाली है कुल मिलाकर यही जांच सबसे बड़ी और सही जांच है जिसे लेकर सीआरएस की टीम कोलकाता के रेलवे के बड़े पदाधिकारी और वहां से बिलासपुर रेलवे जोन के GM को रिपोर्ट भेजी जाएगी. इसके बाद रेलवे के बड़े अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की बात कही जा रही है.

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