CG News: बिलासपुर में लोगों का बेवजह कट रहा ऑनलाइन चालान, RTO अधिकारी जानकारी से अंजान, नहीं पता कैसे होगा भुगतान

CG News: मोपका के गुलाब नगर में रहने वाले वाहन मालिक मोहम्मद सिराज ने बताया कि उनके मोबाइल पर 21 नवंबर की शाम आरटीओ की ओर से एक मैसेज आया था.
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सांकेतिक तस्‍वीर

CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में वाहन मालिकाें को इन दिनों काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है. शहर के वाहन मालिकों को कुछ दिनों से ट्रांसपोर्ट विभाग से अलग-अलग मामलों में चालन मिल रहे हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि आरटीओ विभाग को इन चलानों को लेकर कोई जानकारी तक नहीं है. इतना ही नहीं आरटीओ अधिकारियों को ये तक नहीं पता कि जुर्माना राशि जमा कहां करनी है.

बिना कारण आया 2000 का चालान

मोपका के गुलाब नगर में रहने वाले वाहन मालिक मोहम्मद सिराज ने बताया कि उनके मोबाइल पर 21 नवंबर की शाम आरटीओ की ओर से एक मैसेज आया था. मैसेज के जरिए उनकी कार का बीमा खत्म होने के कारण दो हजार का चालान भेजा गया था.

इसके साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 190(2) के तहत 300 रुपये जुर्माना किया गया था. हैरान करने वाली बात ये है कि वाहन मालिक की कार का बीमा है और उनकी कार के सारे दस्तावेज सही हैं. बावजूद इसके उनके पास चालान आया था.

आरटीओ कर्मचारी भी चालान की जानकारी से अंजान

चालान को लेकर वाहन मालिक आरटीओ कार्यालय पहुंचे तो वहां के अधिकारी भी इस चालान की कोई जानकारी नहीं दे पाए. चालान पाने वाले वो अकेले वाहन मालिक नहीं थे. इसी दौरान अन्य वाहन मालिक भी चालान की शिकायत लेकर पहुंचे. वाहन मालिकों की ओर से पूछने पर सामने आया कि मोपका बाईपास के पास एक कैमरा लगा है. जिससे वाहन मालिकों को चालान भेजा गया था.

जब चालान जमा करने की बात आई तो परिवहन विभाग के अधिकारी को चालान की राशि कहां जमा होगी इसकी जानकारी तक नहीं है. वहीं जब सवाल किया गया कि जिनके दस्‍तावेज सही है उनका क्या होगा. इस सवाल पर भी अधिकारियों के पास कोई जानकारी मौजूद नहीं थी.

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विभाग के कर्मचारी भी कैमरे का शिकार

दरअसल, चालान कर रहा कैमरा लगरा में स्थित आरटीओ कार्यालय और शहर के बीच मोपका बाईपास के पास स्थित है. इस रास्ते से आरटीओ के कर्मचारी भी प्रतिदिन ड्यूटी के लिए आना जाना करते है. वहीं इसी दौरान कुछ आरटीओ कर्मचारियों को भी ऑनलाइन नोटिस मिला है. अपने ही विभाग से मिले चालान से विभाग के कर्मचारी भी परेशान है. उन्हें भी नहीं पता कि इस चालान का निपटारा कैसे होगा.

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