टीएस सिंहदेव को हराने वाले विधायक बने साय सरकार में मंत्री.. जानिए कौन हैं राजेश अग्रवाल?
राजेश अग्रवाल
CG Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ में पहले मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल को विष्णुदेव साय कैबिनेट में जगह मिल गई है. राजेश अग्रवाल ने आज मंत्री पद की शपथ भी ले ली है. मंत्री बनने के साथ ही अंबिकापुर से रायपुर तक उनके समाज के लोगों और अंबिकापुर विधानसभा में उनके समर्थकों के चेहरे में एक बार फिर उम्मीद की झलक दिखने लगी है. गौरतलब है कि राजेश अग्रवाल ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और भूपेश सरकार के दूसरे सबसे ताकतवर नेता टी एस सिंह देव को चुनाव हराया था. और अब बीजेपी संगठन ने उनके कद को बढ़ाते हुए विधायक से मंत्री बना दिया है.
राजेश अग्रवाल का राजनैतिक सफर
व्यापारिक परिवार में जन्मे राजेश अग्रवाल की राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से हुई. कांग्रेस संगठन में उनके नेतृत्व क्षमता की कदर नहीं होने से राजेश दो बार कांग्रेस संगठन से नाराज हो चुके थे. दरअसल पहली बार 2009 मे जब राजेश अग्रवाल को कांग्रेस ने उनकी वफादारी से दरकिनार कर. उन्हें सरगुजा के लखनपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष पद का प्रत्याशी नहीं बनाया था. जबकि वो प्रबल दावेदार थे. तब उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था. और वो महज एक वोट से चुनाव हार गए थे. जिसके बाद वो 2014 में एक बार फिर कांग्रेस की तरफ से अपने गृह नगर लखनपुर से नगर पंचायत का चुनाव लड़े और इस बार वो चुनाव जीत गए. लेकिन नगर पंचायत अध्यक्ष रहते हुए. उन्हें लगा कि उनकी जीत से नाराज़ कांग्रेस के कुछ नेता सिर्फ उनका उपयोग कर रहे हैं. लिहाजा उन्होंने 2017 में कांग्रेस को अलविदा कह दिया. और उसके कुछ दिन बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया.
फिर विधायक बने राजेश
छत्तीसगढ़ का सरगुजा जिला वैसे तो सरगुजा की पूर्व रियासत का गढ़ कहा जाता था. और राजेश अग्रवाल उस गढ़ के मुखिया टी एस सिंह देव के मजबूत स्तंभ माने जाते थे. लेकिन उनकी वफ़ा को कद्र नहीं मिला. तो बीजेपी ज्वाइन कर उन्होंने 2018 में अम्बिकापुर विधानसभा से टी एस सिंह देव के खिलाफ चुनाव लड़ने का मन बनाया. लेकिन उनकी जगह बीजेपी ने दो बार चुनाव हार चुके अनुराग सिंह देव को फिर टिकट दे दी. और फिर टी एस सिंह देव के बार विधायक बन गए. उसके बाद 2023 में एक बार फिर टी एस सिंह देव जैसे मजबूत कांग्रेस नेता के खिलाफ बीजेपी प्रत्याशी तलाश रही थी. कि तभी बीजेपी संगठन की निगाहें राजेश अग्रवाल पर इनायत हो गई. और 2023 के चुनाव में राजेश अग्रवाल ने सिंहदेव के खिलाफ चुनाव लड़ा और कांटे के मुकाबले में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री टी एस सिंह को चुनाव हरा दिया.
मंत्री बनने में आया संकट
छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार में कैबिनेट विस्तार को लेकर काफी लंबे समय से नामों को लेकर मंथन चल रहा था. और ये माना जा रहा था कि जिस संभाग या जिले से एक भी मंत्री नहीं है. वहां के विधायक को मंत्री पद का तौफ़ा मिल सकता है. जिसमें जातिगत समीकरण को भी ध्यान दिया जाएगा. ठीक वैसा ही हुआ. लेकिन इस समीकरण में सबसे ज्यादा बाजार गर्म वैश्य समाज के विधायक को लेकर थी. और इस रेस में राजेश अग्रवाल के साथ के साथ एक सबसे बड़े नाम और कर बार मंत्री रहे बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल का नाम भी शामिल था. लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी के दिन से शुरू इस रेस में राजेश की जीत हुई और पुराने मंत्री को रायपुर सीएम हाउस में कई बार की समझाइस के बाद बैरंग लौटना पड़ा. बहरहाल राजेश अग्रवाल ने विष्णुदेव साय कैबिनेट में जगह मिल गई है. ऐसे में उनके दल के कई नेता के साथ उनसे चुनाव हार चुके नेता के समर्थकों में नाराजगी और उनके समर्थकों में काफी उल्लास और उत्साह का माहौल है. जो माहौल उनके उनको मंत्रिमंडल में विभाग मिलने तक जारी रहेगा.