‘हम अपने ही घर में गैर बनकर रह गए, गैरों पर कैसे भरोसा करें’…BJP ज्वाइन करने की बात पर छलका अमरजीत भगत का दर्द
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत
CG News: छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने भाजपा ज्वाइन करने के ऑफर वाले सवाल पर कहा है कि कुछ बातें ऐसी होती हैं, जिन्हें बिना बोले ही समझ जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि हम अपने ही घर में गैर बनकर रह गए तो फिर गैरों पर कैसे भरोसा करें. हालांकि इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हमें अब तक जो मिला वह काम नहीं और जो नहीं मिला उसका कोई गम नहीं.
हम अपने ही घर में गैर बनकर रह गए, गैरों पर कैसे भरोसा करें – अमरजीत भगत
पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत का दर्द आज उस समय छलक पड़ा जब विस्तार न्यूज ने उनसे सवाल किया कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भाजपा ने उन्हें बीजेपी ज्वाइन करने का ऑफर किया था, क्या आपको भी ऐसा कभी ऑफर मिला. इस सवाल को सुनते ही अमरजीत भगत ने कहा कि “हम तो अपने ही घर में गैर बनकर रह गए, गैरों पर कैसे भरोसा करें” प्रदेश में विष्णु देव साय के रुप में आदिवासी मुख्यमंत्री बना तो हमने मुख्यमंत्री को बधाई दी, साथ में मिठाईया भी खाई लेकिन इसका फल सही नहीं मिला. मुख्यमंत्री आदिवासी बनने के बाद कार्यवाही सिर्फ आदिवासी नेताओं के खिलाफ हुआ, क्या कार्यवाही के लिए सिर्फ आदिवासी ही दिखे. आदिवासी नेता के राज में हम पराये हो गये, भगत का दर्द तब और दिखाई दिया जब उन्होंने कहा कि, सबसे भ्रष्ट नेता आदिवासी ही दिखे, अब शिकायत किससे करें.
राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज
अमरजीत भगत ने यह बयान तब दिया है, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बयान दिया है और कहा है कि बीजेपी ज्वाइन करने का उन्हें ऑफर दिया गया था. अमरजीत भगत के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा हो रही है कि जब अमरजीत भगत के घर ईडी ने कार्यवाही की तब भगत पर बीजेपी ज्वाइन करने का दबाव बना था या फिर जांच से बचने के लिए भगत खुद ही भाजपा ज्वाइन करना चाहते थे यह अब भी बड़ा सवाल है.
राजनीति की भेंट चढ़ा विश्व आदिवासी दिवस
अमरजीत भगत ने यह भी कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पर इस साल कोई कार्यक्रम सरकार के द्वारा आयोजित नहीं किया गया. आदिवासियों को मान सम्मान नहीं मिला, कोई भी मंत्री आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. विश्व आदिवासी दिवस सिर्फ राजनीति की भेंट चढ़कर रह गया है. उन्होंने कहा कि आखिर ऐसा क्या हो रहा है कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बाद भी विश्व आदिवासी दिवस पर लोगों को रसगुल्ला और मिठाई खाने तक के लिए नहीं मिला.