CM साय के जापान दौरे का 5वां दिन, वर्ल्ड एक्सपो में निवेश को लेकर उद्योगपतियों से करेंगे चर्चा

Chhattisgarh: छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के जापान के दौरे आज 5वां दिन हैं. जहां CM साय ओसाका में वर्ल्ड एक्सपो 2025 में शामिल होंगे. यहां निवेश को लेकर उद्योगपतियों से चर्चा करेंगे. इसके बाद दक्षिण कोरिया के दौरे पर भी रवाना होंगे.
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CM विष्णु देव साय

Chhattisgarh: छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के जापान के दौरे आज 5वां दिन हैं. जहां CM साय ओसाका में वर्ल्ड एक्सपो 2025 में शामिल होंगे. यहां निवेश को लेकर उद्योगपतियों से चर्चा करेंगे. इसके बाद दक्षिण कोरिया के दौरे पर भी रवाना होंगे. जहां CM साय 27 से 29 अगस्त तक सियोल में निवेशक गोलमेज बैठकों में भी शामिल होंगे.

जापान की बायोसीड्स कॉर्पोरेशन, इशिवाका को किया आमंत्रित

जापान दौरे पर गए मुख्यमंत्री साय सभी इन्वेस्टर्स को छत्तीसगढ़ में निवेश करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. इस दौरान CM साय छत्तीसगढ़ में युवाओं के सशक्तीकरण के लिए इंडिया-जापान स्किल डेवलपमेंट एवं ह्यूमन रिसोर्स सेंटर स्थापित करने के लिए बियानी ग्रुप ऑफ कॉलेजेस को निवेश हेतु आमंत्रित किया.

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रदेश के भूजल में भारी धातु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए जापान की बायोसीड्स कॉर्पोरेशन, इशिवाका को भी निवेश हेतु आमंत्रण प्रदान किया.

छत्तीसगढ़ पवेलियन पहुंचे CM विष्णु देव साय

आज जापान में मुख्यमंत्री ने किया छत्तीसगढ़ पैवेलियन का अवलोकन किया. CM साय ने इसे लेकर सोशल मीडिया अकांउट X पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि- @expo2025japan में छत्तीसगढ़ पैवेलियन का अवलोकन किया. यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि दर्शक हमारी समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता और औद्योगिक प्रगति को करीब से जान रहे हैं. यह पैवेलियन छत्तीसगढ़ के उस विज़न को दर्शाता है, जो उसे वैश्विक साझेदारियों का केंद्र बनाने की ओर अग्रसर है. हम विश्व को इस यात्रा में साझीदार बनने के लिए आमंत्रित करते हैं.

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पर्यटन और विरासत की छटा

पवेलियन में छत्तीसगढ़ की धरती की सुंदरता और धरोहर को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया है. नवा रायपुर, देश का पहला ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, जिसे निवेश और औद्योगिक प्रगति के लिए तैयार किया गया है, यहां विशेष आकर्षण का केंद्र रहा. छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक पहचान चित्रकोट जलप्रपात ने भी सबका ध्यान खींचा. भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात होने के कारण इसे ‘भारत का नियाग्रा’ कहा जाता है.

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