पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षित लौटे केशकाल के लोग, चश्मदीदों ने बताया आंखों देखा हाल
कश्मीर से लौटा परिवार
नीरज उपाध्याय (केशकाल)
CG News: पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई, लेकिन कुछ ऐसे भी सैलानी थे जो अपनी जान बचाकर सुरक्षित वापस लौटने में भी कामयाब हुए. जिसमें कोंडागांव जिले के केशकाल विधानसभा अंतर्गत बाँसकोट गांव के रहने वाले एक दंपत्ति हैं, जिन्होंने पहलगाम में हुए मौत के खूनी मंजर को अपने आंखों से देखा है. चश्मदीद दंपत्ति ने अपना आंखों देखा हाल मीडिया से साझा किया है.
मध्यप्रदेश के सिंगरौली में पोस्टेड हैं कैलाश
बता दें कि केशकाल क्षेत्र के बांसकोट निवासी कैलाश सेठिया जो कि वर्तमान में मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं. हाल ही में कांकेर के अपने रिश्तेदारों के साथ कश्मीर घूमने निकल गए. माता वैष्णोदेवी के दर्शन के बाद अन्य रिश्तेदार तो वापस लौट आए लेकिन कैलाश अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ कश्मीर घूमने निकल गया. सभी प्रमुख पर्यटक केंद्रों में घूमने के बाद परिवार पहलगाम के टैक्सी स्टैंड पहुंचा.
कैलाश के सामने सैलानियों की हुई मौत
कैलाश ने बताया कि पहलगाम का नजारा देख ही रहे थे कि अचानक सेना के यूनिफॉर्म में एक युवक बंदूक लेकर पहुंचा और पुरुष सैलानियों से उनका धर्म पूछने लगा. कैलाश के सीने में भी बंदूक टीकाकर हिन्दू हो या मुस्लिम कहने लगा तो वह तीन बार अल्लाह, अल्लाह, अल्लाह बोल ही रहा था कि आतंकवादी ने बाजू में खड़े एक सैलानी के कनपटी में गोली मार दिया और आगे निकलते गया. कैलाश ने बताया कि शायद वही शख़्स लेप्टिनेंट विनय नरवाल हो सकता है. इसके बाद पांच अन्य सैलानियों के ऊपर भी फायरिंग हुई. तब तक कैलाश जमीन पर लेट चुका था जबकि उनकी पत्नी और बच्चे मौत का तांडव देख रहे थे. गोली चलाने वाला आतंकवादी जब दूर चला गया तब यह परिवार भी बच्चों को लेकर किसी तरह वहां से जान बचाकर करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित टैक्सी स्टैंड पहुंचे.
ये भी पढ़ें- CM साय के सुशासन में सशक्त बनता Chhattisgarh, देश की पहली ‘कर्ज मुक्त’ स्मार्ट सिटी बना नवा रायपुर
दो दिन तक नहीं हुआ संपर्क, परिवार रहा परेशान
एक तरफ कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमला की खबर पूरे देश दुनिया के हर चैनल और सोशल मीडिया में वायरल होने लगी और दूसरी तरफ कैलाश व उनके परिवार का रिश्तेदारों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था. जिससे परिवार किसी अनहोनी की आशंका को लेकर परेशान होते रहे। इस बीच गुरुवार को छोटे भाई के मोबाइल में फोन आया और परिवार के सुरक्षित होने की जानकरी मिली तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली. कैलाश ने बताया कि कश्मीर बहुत ही खूबसूरत जगह है. जहां एक बार आने वाला व्यक्ति बार-बार आना चाहेगा, लेकिन इस तरह की आतंकवादी घटना के बाद से अब शायद ही हम वहां जाने का सोचेंगे.