CG News: क्या है साहीवाल गाय देने की योजना, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ में मचा है सियासी घमासान?
साहीवाल गाय (फाइल इमेज)
CG News: छत्तीसगढ़ में साहीवाल गाय को लेकर सियासी घमासान मच गया है. हाल ही में साय सरकार ने प्रदेश के 6 जिलों में आदिवासी परिवार की महिलाओं को साहीवाल नस्ल की गाय देने का फैसला लिया है. यह गाय मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना के तहत दी जाएंगी. इसे लेकर अब प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इसे ‘झूठा वादा’ बताया है. कांग्रेस के इस आरोप पर डिप्टी CM अरुण साव ने पलटवार किया है. बता दें कि हाल ही में CM विष्णु देव साय ने कोंडागांव जिले के भोंगापाल गांव में दुधारू पशु प्रदाय योजना का शुभारंभ किया था.
आदिवासी महिलाओं को साहीवाल नस्ल की 650 गायें
प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 6 जिलों में 325 अनुसूचित जनजातीय परिवार की महिलाओं को साहीवाल नस्ल की 650 गायें दी जाएंगी. इन जिलों में जशपुर, बलरामपुर, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद और सारंगढ़-बिलाईगढ़ शामिल हैं. अनुसूचित क्षेत्रों में डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा और महिलाओं को स्वरोजगार देने के उद्देश्य से सरकार ने यह फैसला लिया है. इससे राज्य में दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा.
प्रदेश में सियासी घमासान
प्रदेश में आदिवासी परिवारों को गाय देने के फैसले पर सियासत शुरू हो गई है. इसे लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- ‘BJP2003 से गाय देने के नाम पर झूठ बोल रही है. पहले हर आदिवासी को जर्सी गाय देने की बात कही थी. अब साहीवाल नस्ल का गाय देने की बात कर रही है. आज तक एक आदिवासी परिवार को गाय नहीं मिली है.’
ये भी पढ़ें- Chhattisgarh: अब 31 जुलाई तक मिलेगा 3 महीने का चावल, सरकार ने बढ़ाई तारीख
डिप्टी CM अरुण साव ने किया पलटवार
कांग्रेस के इन आरोपों पर डिप्टी CM अरुण साव ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा- ‘जनहित के कामों से कांग्रेस को पेट में दर्द हो रहा है. झूठ की मास्टरी अगर किसी पार्टी में है तो वह कांग्रेस में है. जनता अब कांग्रेस के वादों की सच्चाई समझ चुकी है. लोग दोबारा नहीं ठगे जाएंगे.’
क्या है मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना?
CM विष्णु देव साय ने जून में कोंडागांव जिले के भोंगापाल गांव में दुधारू पशु प्रदाय योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के जरिए प्रदेश के किसानों को उन्नत नस्लों की गाय दी जाएगी. साथ ही इसके लिए अनुदान भी दिया जाएगा. किसानों को उन्नत नस्ल की गाय के जरिए प्रदेश में डेयरी व्यापार को बढ़ावा देना का उद्देश्य है. इस योजना के पायलेट प्रोजेक्ट के जरिए प्रदेश में अनुसूचित जनजाति परिवारों के जीवन स्तर में आर्थिक सुधार होगा. साथ ही इससे प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होगी.