मनमानी या मज़बूरी…खैरागढ़ जिले के तहसील कार्यालय में “किसान किताब” नहीं, कार्यालयों के चक्कर लगा रहे किसान

CG News: खैरागढ़ जिले के दोनों तहसील कार्यालयों में लगभग एक महीने से "किसान किताब" (भू अधिकार और ऋण पुस्तिका ) नही है. इस कारण किसानों को शासकीय कार्यों के लिए काफ़ी परेशान होना पड़ रहा है.
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नितिन भांडेकर (खैरागढ़)

CG News: खैरागढ़ जिले के दोनों तहसील कार्यालयों में लगभग एक महीने से “किसान किताब” (भू अधिकार और ऋण पुस्तिका ) नही है. इस कारण किसानों को शासकीय कार्यों के लिए काफ़ी परेशान होना पड़ रहा है.

तहसील कार्यालय में “किसान किताब” नहीं

खैरागढ़ में ऋण पुस्तिका नहीं होने से किसानों के कई काम प्रभावित हो रहे हैं. ऋण पुस्तिका नहीं होने से किसानों के केसीसी ऋण सहित अन्य काम नहीं हो पाने से किसान परेशान हैं.

राजस्व विभाग में भू अधिकार और ऋण पुस्तिका नहीं होने से स्थानीय रहवासी और किसान परेशान हो रहे हैं. किसानों ने बताया कि रोजाना किसान किताब के लिए बुलाते हैं लेकिन हमें वापस खाली हाथ जाना पड़ रहा है.

कार्यालयों के चक्कर लगा रहे किसान

तहसील कार्यालय में पदस्थ मंगलेश नामदेव ने बताया की हमनें इस सबंध में जिला कार्यालय को पत्र लिखकर पांच हजार किसान किताब की मांग की है. पिछले बार सात हजार किसान किताब की मांग किये थे लेकिन हमें सिर्फ पांच सौ ही मिले थे. फिलहाल देखना यह होगा की आखिर कब तक ऋण पुस्तिका कार्यालय में उपलब्ध होगी. क्योंकि इसके बारे में संबंधित विभाग के अधिकारी भी ठीक-ठीक जानकारी नहीं दे पा रहे हैं. ऋण पुस्तिका नहीं होने के कारण किसानों को तब तक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

भू-अधिकार और ऋण पुस्तिका में दर्ज होता है जमीन का मालिकाना हक

राजस्व विभाग भू अधिकार और ऋण पुस्तिका में किसानों को उनकी जमीन का मालिकाना हक एवं भूमि की प्रमाणित जानकारी दर्ज कर देता है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऋण पुस्तिका किसानों के लिए कितना महत्वपूर्ण है.

ऋण पुस्तिका से होते हैं जमीन संबंधी कार्य

ऋण पुस्तिका के माध्यम से ही किसानों के जमीन संबंध कार्य होते हैं. ऋण पुस्तिका के माध्यम से ही किसानों को केसीसी ऋण, किसी व्यक्ति की जमानत, जमीन संबंधी अन्य ऋण आदि कार्य ऋण पुस्तिका के माध्यम से ही होती है. भू अधिकार और ऋण पुस्तिका किसानों को उनकी भूमि का स्वामी होने का प्रूफ है.

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जिले की किसी भी तहसील में नहीं है ऋण पुस्तिका

खैरागढ़ जिले की तहसील खैरागढ़ व छुईखदान में किसी भी पटवारी के पास “किसान किताब” (भू अधिकार और ऋण पुस्तिका) नहीं है. इस कारण किसानों का काम अटका पड़ा है. जमीन के क्रय-विक्रय, नामांतरण, बटवारा आदि कार्यों में नई भू अधिकार और ऋण पुस्तिका की जरूरत होती है. राजस्व विभाग के पास भू- अधिकार और ऋण पुस्तिका नहीं होने से किसानों के कई काम प्रभावित हो रहीं है. क्षेत्र के कई किसान पिछले दो महीने से पटवारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं.

एक महीने से नहीं मिली ऋण पुस्तिका

इस संबंध में तहसील कार्यालय के ऑफिस कानूनगो मंगलेश नामदेव ने बताया कि हमें एक महीने से जिला मुख्यालय से भू अधिकार और ऋण पुस्तिका नहीं मिली है. इस कारण किसानों को भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका नहीं मिल पा रही है.

किसान किताब के लिए भेजा गया मांग पत्र

भू-अधिकार और ऋण पुस्तिका के लिए दस तारीख को जिला मुख्यालय पर मांग पत्र भेजा गया है. जिला मुख्यालय से भू अधिकार और ऋण पुस्तिका मिलने पर किसानों को बना कर दे दी जाएगी.

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