चिनाब ब्रिज में लगा ‘छत्तीसगढ़ का लोहा’, दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को ऐसे मिली मजबूती

CG News: प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का 6 जून को उद्घाटन किया, लेकिन छत्तीसगढ़ वालों को यह जानकर हैरानी होगी कि विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल में भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के अन्य इस्पात संयंत्रों का 16,000 टन स्टील लगा है.
Chenab Rail Bridge

चिनाब रेल ब्रिज

CG News: प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का 6 जून को उद्घाटन किया, लेकिन छत्तीसगढ़ वालों को यह जानकर हैरानी होगी कि विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल में भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के अन्य इस्पात संयंत्रों का 16,000 टन स्टील लगा है.

इसमें अकेले भिलाई इस्पात संयंत्र ने विशेष ग्रेड के कुल 12,432 टन स्टील की आपूर्ति की है. इसमें 5922 टन टीएमटी (सरिया), 6454 टन प्लेट्स एवं 56 टन स्ट्रक्चरल स्टील शामिल हैं. यह उपलब्धि सेल-भिलाई बिरादरी के गर्व का विषय है. बीएसपी द्वारा उत्पादित टीएमटी उत्पादों की पूरी श्रृंखला भूकंपरोधी व जंगरोधी गुणों के साथ उच्च गुणवत्ता की होती है.

चिनाब ब्रिज में लगा ‘छत्तीसगढ़ का लोहा’

चिनाब नदी पर बने पुल के निर्माण में प्रयुक्त हुआ है सेल और भिलाई इस्पात संयंत्र का इस्पात
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 06 जून 2025 को चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को देश को समर्पित किया है. भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के अन्य इस्पात संयंत्रों ने इस पुल के निर्माण हेतु 16,000 टन स्टील की आपूर्ति की है, जिसके अंतर्गत प्लेट्स, टीएमटी बार और स्ट्रक्चरल्स शामिल हैं. यह उपलब्धि सेल और भिलाई बिरादरी के गर्व का विषय है. किसी भी निर्माण प्रक्रिया और औद्योगिक गतिविधि के लिए स्टील सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है.

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दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को मिली मजबूती

जानकारी के अनुसार इस पुल के निर्माण में लगभग 29,000 मीट्रिक टन स्टील, 10 लाख क्यूबिक मीटर अर्थवर्क, 66,000 क्यूबिक मीटर से अधिक कांक्रीट तथा 84 किलोमीटर रॉक बोल्ट और केबल एंकर का प्रयोग किया गया है.

जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बना 1.3 किलोमीटर लंबा यह पुल नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर है और पेरिस के प्रतिष्ठित एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। अभियांत्रिकी की अभिनव कृति यह पुल 266 किमी प्रति घंटे हवा की तेज रफ्तार और उच्चतम तीव्रता के भूकंपीय तरंगों का सामना करने में सक्षम है. उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल) के अंतर्गत यह पुल जो कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे घुमावदार खंड का हिस्सा है, इस क्षेत्र में आवागमन को सुलभ करेगा.

सेल के इस्पात संयंत्रों ने जम्मू-कश्मीर में निर्मित दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल में उपयोग हेतु 6690 टन टीएमटी उत्पाद, 1793 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 7511 टन स्टील प्लेट्स, हॉट स्ट्रिप मिल प्रोडक्ट और चेकर्ड प्लेटों सहित कुल 16,000 टन इस्पात की आपूर्ति की है। पुल के निर्माण हेतु सेल द्वारा आपूर्ति की गई इस्पात में से, भिलाई इस्पात संयंत्र ने 5922 टन टीएमटी स्टील, 6454 टन प्लेट्स और 56 टन स्ट्रक्चरल स्टील सहित कुल 12,432 टन इस्पात की आपूर्ति की है. सेल के बर्नपुर स्थित इस्को स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, राउरकेला स्टील प्लांट और बोकारो स्टील लिमिटेड ने भी स्टील की आपूर्ति की है.

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