Chhattisgarh: 25 साल बाद बदली संपत्ति गाइडलाइन रेट तय करने की प्रक्रिया, अब इस तरह तय होगी संपत्ति दर

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति की गाइडलाइन तय करने के नियमों में 25 साल बाद संशोधन कर दिया है. इसमें कृषि, डायवर्टेड, नजूल और आबादी की भूमि के लिए समान मूल्य निर्धारण की व्यवस्था लागू की है.
Chhattisgarh property guideline

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Chhattisgarh property guideline: छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति की गाइडलाइन तय करने के नियमों में 25 साल बाद संशोधन कर दिया है. इसमें कृषि, डायवर्टेड, नजूल और आबादी की भूमि के लिए समान मूल्य निर्धारण की व्यवस्था लागू की है. पुराने नियमों में मौजूदा विसंगितयों को दूर किया गया है और साफ्टवेयर आधारित बनाया गया है.

इसमें स्पष्ट किया गया है कि नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, जिले की मुख्य रोड के साथ 18 मीटर या इससे अधिक चौड़ी सड़क को ‘मुख्य मार्ग’ माना जाएगा. उसी आधार पर उस रोड की संपत्ति की गाइडलाइन का निर्धारण होगा.

संपत्ति गाइडलाइन रेट तय करने की प्रक्रिया बदली

इस संशोधन से पहले तक गाइडलाइन दरें मुख्य मार्ग के अनुसार कम या बढ़ाई जाती हैं, पर ये स्पष्ट ही नहीं था कि मुख्य मार्ग किन्हें माना जाएगा. इस कारण भीड़ वाले किसी भी रोड को मुख्य मार्ग मानकर वहां की संपत्ति की गाइड लाइन दरें बढ़ा दी जाती थी.

गाइडलाइन तय करने के नियमों में इसके अलावा भी कई तरह की विसंगति और कमियां थी. उन्हें दूर करने के साथ भविष्य के हिसाब से नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इसमें नई कालोनियों और मोहल्लों को भी ध्यान में रखा गया है. अब नया मोहल्ला, कॉलोनी आकार लेने पर उनके लिए विशेष रूप से गाइडलाइन दर का निर्धारण किया जाएगा.

CM साय ने दिए थे निर्देश

उन इलाकों की संपत्ति की गाइडलाइन दर निर्धारित करने के लिए गाइडलाइन पुनरीक्षण का इंतजार नहीं किया जाएगा. बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रक्रिया सरल करने के निर्देश दिए थे. उसके बाद वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने गाइडलाइन निर्धारण के नियमों को बदलवाया.

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नए प्रावधान

  • सरलीकरण – पहले 77 निर्धारण प्रावधान थे, अब केवल 14 रखे गए.
  • एकीकृत – नलकूप, सिंचित, दो फसली होने का अलग मूल्य था. इसे समाप्त किया गया.
  • एक गणना – निगम, पालिका, नगर पंचायत में कृषि, नजूल, डायवर्टेड भूमि की अलग गणना खत्म.
  • हेक्टेयर दर – छोटे बड़े सभी नगरों एवं भूमि के लिए अब हेक्टेयर दर की सीमा 0.14 हेक्टेयर.
  • निर्माण – विभिन्न निर्माण के लिए 21 प्रकार की दरों थीं, अब केवल 8 दरें रखी गई हैं.
  • बाजार मूल्य – छोटी जमीन का बाजार मूल्य बड़ी जमीन से अधिक नहीं आएगा. इंक्रीमेंट मूल्यांकन सिस्टम बदला.
  • उद्योग – औद्योगिक इकाई के लिए पूरे राज्य में प्रचलित सामान्य दर को समाप्त कर दिया गया है। अब ये अलग नहीं होंगी.
  • आम जनता को लाभ – अब डायवर्टेड एवं नजूल भूमि होने मात्र से संपत्ति के बाजार मूल्य नहीं बढ़ेंगे.

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