बहुत चर्चा है: घोटालेबाजों का घोड़ा हो गया “लंगड़ा”…मैडम मेयर का विधायक जी से प्रेम…पूर्व विधायक ने खुद को बोला हैप्पी बर्थडे…जाति न पूछो गुंडे की
बहुत चर्चा है
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले में ED और ACB ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. इधर एक नगर निगम की महिला मेयर का विधायक जी के प्रति प्रेम उमड़ उमड़ कर सामने आ रहा है. कहीं पूर्व कांग्रेसी विधायक खुद को ही हैप्पी बर्थडे बोलते नजर आ रहे हैं. तो वहीं राजधानी में एक माफिया की चर्चा जोरों पर है.
घोटालेबाजों का घोड़ा हो गया “लंगड़ा”
शराब घोटाले में ED और ACB ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. पिछले सप्ताह घोटालेबाजों के एक घोड़े को EOW ने अपने कब्जे में लिया पूछताछ की और यह बताया जा रहा है कि वह घोड़ा लंगड़ा निकल गया. मतलब साफ है कि उस घोड़े ने अपने मालिक के बारे में सब कुछ बता दिया है. अब भिलाई के उस लंगड़े घोड़े के बयान को आधार बनाकर जांच एजेंसियां मालिक तक कब पहुंचती है, इसकी चर्चा शुरू हो गई है. अब तक शराब घोटाले में पूर्व मंत्री से लेकर कई बड़े अफसर जेल में है. सुकमा के कांग्रेस कार्यालय को सील कर दिया गया है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि शराब घोटाले में बड़े साहब तक पहुंचाने की दिशा में जांच एजेंसियां आगे बढ़ गई है.
मैडम मेयर का विधायक जी से ‘प्रेम’
प्रदेश के एक नगर निगम की महिला मेयर का विधायक जी के प्रति प्रेम उमड़कर सामने आ रहा है. महिला नेत्री पहले विधायक जी की बहुत करीबी रही हैं. अब जब उनको पावर मिला है, तो विधायक जी के क्षेत्र का खास ध्यान रखा जा रहा है. विकास कार्य उनके क्षेत्र में सबसे ज्यादा तो कराया ही जा रहा है, लेकिन जब ठेकेदारों के भुगतान की बात आ रही है, तो बाकी क्षेत्र को छोड़कर विधायक जी के क्षेत्र में काम करने वाले ठेकेदारों का ही भुगतान कर दिया गया. फंड आया तो विधायक जी के क्षेत्र में खर्च हो गए. बाकी ठेकेदार इंतजार कर रहे हैं कि अब पैसा आएगा तो उनको मिलेगा. निगम के पार्षद भी अब चर्चा करने लगे हैं कि मेयर मैडम सिर्फ विधायक जी के लिए काम करेगी या बाकी शहर की भी चिंता करेंगे. बारिश में शहर डूब रहा है, सफाई हो नहीं रही है, लोग परेशान है. अब देखते हैं, मैडम मेयर को बाकी शहर की चिंता कब होती है.
पूर्व विधायक ने खुद को बोला हैप्पी बर्थडे
राजधानी के पूर्व कांग्रेसी विधायक खुद को ही हैप्पी बर्थडे बोलते नजर आ रहे हैं. विधायक जी चार चुनाव लड़े हैं. दो जीते, दो हारे, लेकिन जब उनके जन्मदिन के पोस्टर लगे तो उन पोस्टरो में खुद अकेले नजर आ रहे हैं. कोई कार्यकर्ता नहीं कोई नेता नहीं. कुछ सामाजिक लोग उनके पोस्टर में नजर आए, जो उनके खुद के समाज के ही है. पूर्व विधायक का जिस दिन जन्मदिन था, नक्सली हमले में एक एडिशनल एसपी शहीद हुए और विधायक जी केक काटने में मस्त थे. इसको देखने के बाद हर तरफ चर्चा यही थी कि नेताजी के पास ना तो कार्यकर्ता है, ना संवेदना.
जाति न पूछो गुंडे की
राजधानी में एक माफिया की चर्चा जोरों पर है. लाखों के सोने की चेन पहनकर घूमने वाले इस गुंडे का देशभर में नेटवर्क है. इनके लिए जिस तरीके से देश भर से लोगों की सिफारिश आ रही है, उससे गुंडे की जाति पर चर्चा जरूर होगी. छत्तीसगढ़ के एक बड़े नेता ने सरकार पर दबाव डाला कि इस गुंडे पर कार्रवाई न की जाए. यह साहब पिछली भाजपा सरकार में बहुत ताकतवर थे. अभी भी सरकार में खूब चलती है. यही नहीं यूपी के एक विधायक ने दिल्ली से फोन करवाया कि यह हमारे समाज के हैं इनको बचा लिया जाए.
पुलिस के अफसर और प्रशासन के अफसर इतनी दहशत में है कि सोने की चेन वाले गुंडे के बारे में बात करो तो बोलते हैं, माफ करना भाई हाथ जोड़ रहा हूं. चर्चा यह है कि जब इस गुंडे को बचाने के लिए सत्ता, संगठन और सरकार की एक बड़ी लाबी सक्रिय है, तो फिर करवाई क्या होगी, वह समझा जा सकता है. अब देखते हैं पुलिस-प्रशासन अपनी नाक बचाने के लिए क्या करता है.