Raipur: कचना फ्लाईओवर का निर्माण अटका, लाखों लोग हो रहे प्रभावित

CG News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बने 90 डिग्री ब्रिज की चर्चा खत्म नहीं हुई है कि अब राजधानी रायपुर से खबर है, जहां PWD और रेलवे की लापरवाही की वजह से कचना फ्लाईओवर निर्माण का काम अटक गया है.
Raipur

कचना फ्लाईओवर

CG News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बने 90 डिग्री ब्रिज की चर्चा खत्म नहीं हुई है कि अब राजधानी रायपुर से खबर है, जहां PWD और रेलवे की लापरवाही की वजह से कचना फ्लाईओवर निर्माण का काम अटक गया है. फ्लाईओवर तय समय पर कंप्लीट नहीं होने की वजह से लोगों को बहुत परेशानी झेलना पड़ रहा है. पीडब्ल्यूडी और रेलवे के अफसरों की लापरवाही के चलते 70 हजार लोगों को अगले कई महीनों तक रोजाना परेशान होना पड़ेगा.

कचना फ्लाईओवर का निर्माण अटका

दरअसल सितंबर 2023 में खम्हारडीह से कचना की ओर जाने वाली सड़क पर रेलवे ट्रैक होने की वजह से फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ था,फ्लाईओवर को अप्रैल 2025 तक कंप्लीट होना था, लेकिन समय पार हो गया लेकिन अब तक यह फ्लाईओवर अधूरा पड़ा हुआ है.

बड़ी लापरवाही आई सामने

बड़ी बात यह है कि फ्लाईओवर का निर्माण लोगों को रेलवे फाटक पर लगने वाले लंबे जाम से निजात दिलाने के लिए किया जा रहा है, ताकि लोग बिना रेलवे फाटक का सामना किए फ्लाईओवर के जरिए आवागमन करें, लेकिन इसमें बड़ी लापरवाही हुई है. जहां से रेलवे लाइन गुजर रही है, वहां अब तक फ्लाईओवर का निर्माण ही शुरू नहीं हुआ है. यहां ना तो आपको कोई फ्लाईओवर का स्लैब दिखाई देगा और न ही आपको कोई पिलर खड़ा दिखाई देगा. रेलवे लाइन के दोनों ओर पीडब्ल्यूडी ने फ्लाईओवर का निर्माण तो किया है लेकिन बीच में रेलवे लाइन वाले हिस्से में काम शुरू ही नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से फ्लाईओवर कंप्लीट होने में बहुत देरी हो रही है.

लाखों लोग हो रहे प्रभावित

फ्लाईओवर के निर्माणाधीन होने की वजह से लोगों को सकरी सर्विस लेने से होकर गुजरना पड़ रहा है. इस वजह से कचना रेलवे फाटक के पास लंबा जाम लग रहा है, लोग जाम में बुरी तरीके से फंस रहे हैं. जाम में ज्यादा प्रभावित दो पहिया, चार पहिया वाहन और स्कूल बसें होती हैं. हर 15 मिनट में यहां से ट्रेन गुजरती है. इसलिए फाटक को 5 से 10 मिनट खोलकर तुरंत बंद कर दिया जाता है. कई बार तो लोगों को आधे घंटे से 45 मिनट तक फाटक के पास रुकना पड़ता है. फ्लाईओवर का निर्माण जिस इलाके में हो रहा है, यह इलाका रायपुर का रिहायशी इलाका है. बड़े-बड़े अपार्टमेंट और बड़ी-बड़ी कॉलोनीयां आसपास में है. बच्चे स्कूल के लिए लेट हो जाते हैं. लोग अपने दफ्तर के लिए लेट हो जाते हैं.

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रेलवे ट्रैक के पास निर्माण क्यों नहीं हुआ शुरू?

दरअसल रेलवे लाइन के ऊपर ब्रिज बनाने के लिए PWD को रेलवे से अनुमति लेनी होती है, और डिजाइन भी रेलवे से अप्रूव करवाना होता है…पीडब्ल्यूडी ने रेलवे लाइन वाले हिस्से का ड्राइंग डिजाइन रेलवे के सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं बनाया है…जिसके कारण रेलवे ने पीडब्ल्यूडी के डिजाइन को अप्रूवल नहीं दिया और फिर से नया डिजाइन बनाने के लिए PWD को कहा है, रेलवे से अनुमति नहीं मिलने के कारण PWD रेलवे लाइन वाले हिस्से में फ्लाईओवर का निर्माण शुरू नहीं कर पाया है… रेलवे से अप्रूवल नहीं मिलने के कारण रेलवे ट्रैक के दोनों किनारे पिलर और स्लैब का काम नहीं हो पाया है…पीडब्ल्यूडी ने रेलवे ट्रैक के पास पाइल सिस्टम से फाउंडेशन की ड्राइंग डिजाइन बनाई थी… रेलवे ने इसे खारिज कर ओपन फाउंडेशन (सीट पाइल) की ड्राइंग बनाने का निर्देश दिया है…इसमें यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रैक के किनारे प्रोडक्शन वॉल खड़ी करनी पड़ती है.

अफसरों की लापरवाही का खामियाजा धूप और बारिश में लोगों को भुगतना पड़ रहा है. अगर रेलवे और पीडब्ल्यूडी के अफसर आपस में तालमेल बैठाकर काम करते तो प्रोजेक्ट में देरी नहीं होती और लोगों को तय समय पर फ्लाईओवर की सुविधा मिल जाती है. फिलहाल बारिश का मौसम भी आ गया है, जिसकी वजह से काम में और देरी होगी और अब ये फ्लावर इस साल के अंत या फिर नए साल तक ही कंप्लीट हो पाएगा.

ये भी जान लीजिए

  • हर 15 मिनट में एक बार रेलवे क्रॉसिंग बंद होती है और दोनों तरफ लंबा जाम लग रहा है…
  • वर्तमान में यहां से रेलवे की गणना के अनुसार सप्ताह में 53 लाख 77 हजार छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं…
  • 70 हजार लोग आवाजाही रोज करते हैं
  • 27 सितंबर 2023 में शुरू हुआ था कचना फ्लाईओवर का काम
  • फ्लाईओवर 872 मीटर लंबा है
  • कचना फ्लाईओवर की चौड़ाई 3.5 मीटर है
  • 35 करोड़ की लागत
  • 18 माह में काम पूरा करना था
  • 100 के लगभग ट्रेनें रोजाना गुजरती है
  • 3 वार्ड की करीब तीन लाख आबादी हो रही प्रभावित

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