बिलासपुर में क्रिश्चियन समाज को क्रिसमस मनाने से लग रहा डर! प्रशासन को सौंपा ज्ञापन, सुरक्षा की मांग की
बिलासपुर: क्रिश्चियन समाज ने निकाली रैली, प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ईसाई समुदाय के लोग क्रिसमस मनाने से भयभीत हैं. उनका कहना है कि हिंदू संगठन और विश्व हिंदू परिषद समेत इस तरह की दूसरे संगठन के पदाधिकारी लगातार उन्हें सता रहे हैं. ठीक तरह से बाइबिल और चंगाई सभा का आयोजन करने नहीं दे रहे हैं. साथ ही साथ उनके धार्मिक त्योहारों में खलल डालने का प्रयास जारी है. यही वजह है कि राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के पदाधिकारी ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने और इसकी छूट देने के अलावा 6 से अधिक बिंदुओं में प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर इस त्यौहार को भव्य तरीके से मनाने की मांग की है.
क्रिसमस मनाने की छूट मांग रहा ईसाई समुदाय
बिलासपुर में लगातार क्रिसमस से पहले सड़कों पर ईसाई समुदाय रैलियां निकाल रहा है. प्रभु का संदेश लोगों तक पहुंचा रहे हैं. समाज के लोगों की खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है, इसके साथ ही कई और गतिविधियां संचालित हो रही हैं. एक दिन पहले हिंदू संगठन के लोगों ने मंदिर में मांस पकाने की बात कहते हुए पुलिस को इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद चूहचूहियापारा क्षेत्र में हुए बवाल के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है. जिसके बाद मामला और बढ़ गया है. राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के बैनर तले लगातार इसी समुदाय के लोग भारतीय मूल होने की बात कहते हुए क्रिसमस मनाने की छूट की मांग कर रहे हैं और इस दौरान बिलासपुर में बवाल भी जारी है.
‘प्रशासन को ज्ञापन देना उनका धर्म है’
राष्ट्रीय क्रिश्चियनिटी समाज के लोगों का कहना है उन्हें किसी का डर नहीं है ना ही वे भयभीत हैं. उन्हें सिर्फ परमेश्वर का डर है. प्रशासन को ज्ञापन देना और हर कार्रवाई से अवगत कराना उनका धर्म है. यही वजह है कि वह लगातार बिलासपुर में पुलिस और जिला प्रशासन के सामने अपनी बात रख रहे हैं. राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के अध्यक्ष एडवर्ड मसीह ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें या उनके समाज के लोगों को किसी का कोई भी भय नहीं है. फिर भी वे सरकारी दफ्तरों की चौखट नाप रहे हैं.
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क्रिश्चियन समाज ने प्रशासन के सामने रखीं ये मांगें
1.क्रिसमस के दौरान आराधना प्रार्थना और इस तरह के धार्मिक गतिविधियों के लिए सुरक्षा प्रदान करने की बात लिखी गई है.
- धर्म के नाम पर आतंक फैलाने वाले पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है. त्वरित और उचित कार्यवाही की मांग लिखी गई है.
- धर्मांतरण की बात कह कर जबरदस्ती जुर्म दर्ज करने से पहले पुलिस को तथ्यों की जांच और इसके बाद ही FIR करने की मांग की गई है.
- क्रिसमस के दिन ईसाई समुदाय के किसी भी सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं बुलाने और उन्हें जबरिया नहीं सताने की मांग की गई है.