CG News: ‘उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ हुए नक्सलमुक्त’, CM साय बोले- PM मोदी के नेतृत्व में शांति और विकास का नया युग

सीएम साय ने जानकारी देते हुए बताया, 'छत्तीसगढ़ में पिछले 22 महीनों में 477 नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए, 2110 ने आत्मसमर्पण किया और 1785 गिरफ्तार हुए हैं, जो हमारे छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त करने के अडिग संकल्प का प्रमाण है.'
Chief Minister Vishnudev Sai (File Photo)

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय(File Photo)

CG News: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने मेगा सरेंडर हुआ है. गुरुवार को 170 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद इसकी जानकारी दी है. वहीं नक्सलियों के इतने बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण करने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गृहमंत्री शाह का आभार जाता है. सीएम साय ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत आज नक्सलवाद के अंत की दहलीज पर खड़ा है.

‘बस्तर में शांति और विकास का नया युग’

नक्सलियों के इतने बड़े सरेंडर पर मुख्यमंत्री साय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ हुए नक्सलमुक्त, बस्तर में शांति और विकास का नया युग. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी आपका आभार, आपने देशभर में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान की ऐतिहासिक सफलता को रेखांकित किया.

बीते दो दिनों में 258 नक्सलियों का आत्मसमर्पण इस बात का प्रतीक है कि बंदूक नहीं, विश्वास की शक्ति जीत रही है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत आज नक्सलवाद के अंत की दहलीज पर है.’

’22 महीनों में 477 नक्सली न्यूट्रलाइज, 2110 सरेंडर’

सीएम साय ने जानकारी देते हुए बताया, ‘छत्तीसगढ़ में पिछले 22 महीनों में 477 नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए, 2110 ने आत्मसमर्पण किया और 1785 गिरफ्तार हुए हैं, जो हमारे छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त करने के अडिग संकल्प का प्रमाण है. 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य अब बहुत निकट है.’

‘डबल इंजन की सरकार ने संभव किया काम’

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नक्सलवाद का खात्मा डबल इंजन सरकार के कारण ही संभव हो पाया है. उन्होंने कहा, ”यह परिवर्तन हमारी ‘नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना की सफलता का प्रमाण है. डबल इंजन सरकार की संवेदनशील नीतियों, बस्तर में स्थापित हो रहे सुरक्षा शिविरों तथा वनांचलों में शासन के प्रति बढ़ते विश्वास ने ही इस सकारात्मक परिवर्तन को संभव बनाया है.

हमारी सरकार के प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 64 सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिनसे न केवल सुरक्षा सुदृढ़ हुई है, बल्कि विकास और विश्वास की किरण भी हर गांव तक पहुंची है.”

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‘बस्तर भय का नहीं, विश्वास का प्रतीक’

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ”मैं हमारे सुरक्षाबलों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन करता हूं. बस्तर अब भय का नहीं, विश्वास का प्रतीक बन चुका है. अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर नक्सल आतंक से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं, जबकि दक्षिण बस्तर में यह लड़ाई अपने निर्णायक मोड़ पर है. ‘नियद नेल्ला नार’ जैसी योजनाओं ने बस्तर में संवाद, विकास और संवेदना की नई धरती तैयार की है.

सरकार की नीति दो टूक है, हिंसा का कोई स्थान नहीं. जो नक्सली शांति और विकास का रास्ता चुनना चाहते हैं, उनका स्वागत है. लेकिन जो बंदूक उठाकर समाज में आतंक फैलाने की कोशिश करेंगे, उन्हें हमारी सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

हिंसा की राह अंतहीन पीड़ा देती है, जबकि आत्मसमर्पण एक नई शुरुआत का रास्ता खोलता है. मैं सभी नक्सलियों से अपील करता हूं – अपनी मातृभूमि के भविष्य के लिए, अपने परिवारों के उज्जवल कल के लिए, हथियार छोड़ें और विकास की रोशनी में कदम रखें.”

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